Ukraine Russia War phosphorus bomb used by Russian troops in bakhmut zaporizhia amid death of Top Navy Commander death – International news in Hindi

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Ukraine Russia War: यूक्रेन-रूस जंग में दोनों देश एक-दूसरे पर न सिर्फ ताबड़तोड़ एयरस्ट्राइक कर रहे हैं बल्कि भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने क्रीमिया में काला सागर में तैनात रूसी नेवी बेड़े के टॉप कमांडर समेत नौसेना के 34 अफसरों को मार गिराया है। हालांकि, मॉस्को ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है लेकिन जवाबी कार्रवाई तेज कर दी है। खूंखार पुतिन के सैनिकों ने यूक्रेन के जेपोरिजिया पर फॉस्फोरस बम से हमला बोल दिया है, जिसमें कई यूक्रेनी सैनिक मारे गए हैं।

क्या होता है फॉस्फोरस बम
फॉसफोरस बम के बारे में जानने से पहले जानते हैं कि फॉसफोरस क्या होता है। दरअसल, यह एक नॉन मेटल पदार्थ है, जो मोम की तरह होता है।  यह रंगहीन होता है लेकिन कई बार यह हल्का पीला रंग का दिखता है। इससे लहसून जैसी गंध आती है। यह बहुत प्रतिक्रियाशील होता है और ऑक्सीजन के संपर्क में आते ही जलने लगता है। चूंकि हवा में ऑक्सीजन होता है, इसलिए यह हवा के संपर्क में आते ही चारों ओर आग लगा देता है।  30 डिग्री सेल्सियस पर यह खुद जल उठता है, इसलिए इसे पानी में डुबोकर रखा जाता है।

नाम से ही स्पष्ट है कि ‘फॉस्फोरस बम’ फॉस्फोरस से ही निर्मित है। यह मानव जाति के लिए बेहद घातक है। जहां कहीं भी इसका इस्तेमाल होता है, वहां पलभर में यह सबकुछ राख कर देता है और आसपास का ऑक्सीजन सोख लेता है। ऑक्सीजन की कमी होने से लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है और तड़प-तड़प कर लोगों की मौत हो जाती है। 

इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस के मुताबिक अगर किसी खुली जगह पर फॉस्फोरस बम का इस्तेमाल किया जाय तो यह कई किलोमीटर के दायरे में फैल सकता है। यह धुएं के गुब्बार की तरह फैलता है। इसके कण इंसान को अंदरूनी तौर से काफी नुकसान पहुंचाते हैं। शरीर के संपर्क में आने से जलन महसूस होती है और इंसान की मौत हो जाती है। युद्ध में दुश्मन के ठिकानों पर धुआं बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन रिहायशी इलाकों में इसका प्रयोग वर्जित है। प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में इसका इस्तेमाल हुआ था। इराक युद्ध में भी अमेरिका ने इसका इस्तेमाल किया था।

इतना ही नहीं रूस डोनेस्क में यूक्रेन के हथियार डिपो को भी निशाना बना रहा है। ताकि उसकी युद्ध सामग्री तहस-नहस हो जाए और जेलेंस्की की सेना घुटनों पर आ सके। यूक्रेन ने नाटो देशों से मिले सैन्य सामग्री को डोनेस्क के हथियार डिपो में ही रखा है। रूस ने पिछले 48 घंटों में यूक्रेन के तीन जगहों जेपोरिजिया, बाखमुत और खेरसॉन में सबसे ज्यादा तबाही मचाई है।

रूसी सेना ने जेपोरिजिया में KA-52 हेलिकॉप्टर से यूक्रेनी ठिकानों पर हमला बोला है। यूक्रेन के इस शहर में मिसाइलें आसमानी आग उगलती नजर आईं। रूसी रक्षा मंत्रालय के दावों के मुताबिक साइबरेशिया में यूक्रेन को बड़ा नुकसान पहुंचा है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने जो आंकड़े जारी किए हैं, उसके मुताबिक पिछले 48 घंटों में यूक्रेन के 515 सैनिकों की मौत हुई है जबकि 24 आर्म्ड व्हीकल जलकर राख हो गए हैं। इनके अलावा 18 टैंक और 35 तोप तबाह कर दिए गए हैं।

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