smartphone addiction | Kerala | Son ‘kills’ mother | आरोपी बोला- बार-बार टोक रही थी, इसीलिए मारा; केरल पुलिस ने अरेस्ट किया

तिरुवनंतपुरम41 मिनट पहले

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मोबाइल की इस लत को ‘नोमोफोबिया’ कहते हैं जिसका मतलब है ‘नो मोबाइल फोबिया’, यानी मोबाइल न होने का डर। (फाइल फोटो )

केरल में मोबाइल चलाने से मना करने पर बेटे ने मां की हत्या कर दी। आरोपी बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसने अपना जुर्म कबूल किया है। ये मामला कन्नूर जिले के कनिचिरा का है।

पुलिस का कहना है कि बेटे को मोबाइल की लत थी। मां ने उसे डांटकर मोबाइल न चलाने के लिए कहा। इस बात से गुस्साए बेटे ने मां का सिर दीवार पर दे मारा। मां को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसका 7 दिन तक इलाज चला। इसके बाद शनिवार को उसकी मौत हो गई।

मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती हो चुका था आरोपी
फिलहाल इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में उसने बताया कि उसने अपनी मां पर हमला इसलिए किया, क्योंकि वो बार-बार मोबाइल चलाने से रोक रही थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपी मानसिक रूप से अस्वस्थ था। उसे एक बार कोझिकोड के कुथिरावट्टम के मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।

स्मार्टफोन की लत है नोमोफोबिया
मोबाइल की लत को ‘नोमोफोबिया’ कहते हैं जिसका मतलब है ‘नो मोबाइल फोबिया’, अर्थात मोबाइल न होने का डर। यह समस्या मानसिक विकार है या नहीं, यह अभी तक सिद्ध नहीं हुआ है, लेकिन यह मोबाइल लत के अंतर्गत आता है जिससे पीड़ित के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।

धीरे-धीरे इसका असर रिश्तों पर भी पड़ने लगता है। रिपोर्ट बताती है कि भारत में 4 में से 3 लोग नोमोफोबिया से कम या ज्यादा पीड़ित हैं। उनमें से कुछ ने माना कि उन्हें इंटरनेट खत्म होने, मोबाइल खोने, बैटरी खत्म होने आदि की वजह से भावनात्मक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ता है।

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