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विधानसभा में सभी विधायक के वकीलों को सीरियल नंबर दिए गए हैं, इनके मुताबिक ही सुनवाई होगी।
महाराष्ट्र में शिवसेना के 16 विधायकों की अयोग्यता मामले में सुनवाई जारी है। ये विधानसभा के सेंट्रल हॉल में हो रही है। यहां विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के सामने एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के गुटों के कुछ विधायक और उनके वकील उपस्थित हैं। सभी विधायक के वकीलों को सीरियल नंबर दिए गए हैं, इनके मुताबिक ही सुनवाई होगी।
ताजा अपडेट के मुताबिक, सभी को आगे की सुनवाई और कार्रवाई के लिए व्हाट्सएप नंबर और ई-मेल आईडी देने के लिए कहा गया है। दोनों गुटों के विधायकों को सेंट्रल हॉल में अलग-अलग जगह पर बैठाया गया है। इसके बाद उनका बयान दर्ज किया जाएगा।

इस सुनवाई के लिए विधानसभा सचिवालय ने खास तैयारी की है।

दोनों गुटों के विधायकों को सेंट्रल हॉल में अलग-अलग जगह पर बैठाया गया है।

सभी विधायक के वकीलों को सीरियल नंबर दिए गए हैं, इनके मुताबिक ही सुनवाई होगी।
सभी 54 विधायकों को नोटिस जारी कर विधान सभा बुलाया गया
सुनवाई के प्रोसीजर के मुताबिक, सभी विधायकों के वकील सिर्फ स्पीकर को एड्रेस करेंगे। किसी व्यक्ति विशेष की तरफ नहीं देखेंगे। वहीं, कोई भी व्यक्ति अगर सुनवाई के दौरान किसी भी तरीके से दिक्कत पैदा करता है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
इसके पहले विधान सभा सचिवालय ने दोनों गुट के सभी 54 विधायकों को नोटिस जारी कर विधान सभा के सेंट्रल हॉल में बुलाया था।
बता दें कि एकनाथ शिंदे गुट के 16 बागी विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला करीब 4 महीने पहले आया था। इसमें अदालत ने बागी विधायकों की सदस्यता पर फैसला स्पीकर पर छोड़ दिया था।

क्या है पूरा मामला…
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 2019 में चुनाव हुए थे। बीजेपी 106 विधायकों के साथ राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी। मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और बीजेपी गठबंधन में बात नहीं बन पाई। 56 विधायकों वाली शिवसेना ने 44 विधायकों वाली कांग्रेस और 53 विधायकों वाली NCP के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी बनाकर सरकार बनाई।
शिंदे, शिवसेना के उन नेताओं में शामिल थे, जो कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने के खिलाफ थे। 2019 में उद्धव ने शिंदे को विधायक दल का नेता बना दिया था। उस वक्त माना जा रहा था कि शिंदे ही महाराष्ट्र के CM बनेंगे, लेकिन NCP और कांग्रेस उद्धव को ही मुख्यमंत्री बनाना चाहती थी। इस तरह शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए।
मई 2022 महाराष्ट्र सरकार में नगर विकास मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने 39 विधायकों के साथ बगावत कर दी। एकनाथ शिंदे ने मणिपुर के नबाम रेबिया केस का फायदा उठाया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने सत्ता से बागी हुए विधायकों की सरकार बना दी थी। साथ ही शिंदे ने महाराष्ट्र विधानसभा में डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया। ताकि डिप्टी स्पीकर शिंदे गुट के 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला न ले पाएं।
इसी बीच राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे को बहुमत सिद्ध करने के लिए कह दिया। उद्धव इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के फैसले को बरकरार रखा। इसके बाद उद्धव ने इस्तीफा दे दिया था। राज्यपाल ने अब शिंदे गुट को तुरंत बहुमत सिद्ध करने के लिए कह दिया।
पढ़िए इस घटनाक्रम के सबसे अहम दिनों की कहानी…
