नई दिल्ली38 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया ट्रेंड जिबली में हिस्सा लिया है। भारत सरकार के आधिकारिक X हैंडल ने AI की मदद से जिबली स्टूडियों की थीम पर बनी पीएम मोदी की तस्वीरों को शेयर किया है।
इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ तस्वीरें भी हैं। बीते दों दिन से यह ट्रेंड सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। दुनिया भर के नेताओं, सेलिब्रिटी और आम लोगों ने इसमें हिस्सा लिया है।
पीएम मोदी की ट्रम्प और मेक्रो के अलावा इंडियन आर्मी की यूनिफॉर्म, अयोध्या के राम मंदिर और वंदे भारत ट्रेन के साथ भी जिबली तस्वीर सामने आई है।
प्रधानमंत्री मोदी की जिबली तस्वीरें…
1. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ व्हाइट हाउस में

2. 2023 में पेरिस दौरे पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने मोदी के साथ सेल्फी ली थी

3. पिछले साल मोदी ने आर्मी यूनिफॉर्म में जवानों के साथ दिवाली मनाई थी

4. जून 2024 में तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने की तस्वीर

5. मई 2023 में नई संसद के उद्घाटन के वक्त मोदी ने लोकसभा में सेंगोल स्थापित किया

6. जनवरी 2024 में अयोध्या के राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए थे मोदी

7. जनवरी 2024 में लक्ष्यद्वीप के दौरे पर पहुंचे थे मोदी

जिबली ट्रेंड क्या है और कैसे छाया?
जिबली ट्रेंड हाल ही में (मार्च 2025) तब वायरल जब ChatGPT ने नए इमेज जनरेशनल टूल से यूजर्स को स्टूडियो जिबली की तर्ज पर एनिमेटेड तस्वीरें बनाने की सुविधा दी। इस ट्रेंड में यूजर्स अपनी तस्वीरें, इंटरनेट मीम्स, और विभिन्न पॉप कल्चर कैरेक्टर्स को हायाओ मियाजाकी की तरह एनिमेशन स्टाइल में बदल रहे हैं।
सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे जिबलीफिकेशन नाम दिया है। OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने भी अपनी प्रोफाइल पिक्चर को जिबली किया है।
जिबली क्या है?
स्टूडियो जिबली जापान का एक फेमस एनिमेशन स्टूडियो है। इसे 1985 में हायाओ मियाजाकी और इसाओ ताकाहाता ने बनाया था। इसकी खासियत इसके हाथ से बने एनिमेशन हैं।
स्टूडियो अपने बारीक और डिटेल्ड 2D एनिमेशन के लिए मशहूर है। इसकी कहानियां जादुई दुनिया, सामाजिक मुद्दों और मानवीय भावनाओं को दिखाती हैं। इन कहानियों में अक्सर उड़ने वाले शहर, विशाल जानवर दिखाए जाते हैं।
AI से बनी आर्ट का विरोध करते हैं मियाजाकी
हायाओ मियाजाकी AI जनरेटेड आर्ट यानी AI से बनने वाली आर्ट का विरोध करते रहे हैं। मियाजाकी को 2016 में एक AI से बना एनिमेशन दिखाया गया था। तब मियाजाकी ने इस जीवन का अपमान कहा था। मियाजाकी के मुताबिक आर्ट इंसानों की संवेदनाओं से बनती है। इसे मशीनों से नहीं बनाया जा सकता।