Pakistan Seeks BRICS Membership | ड्रैगन की चाल, पाकिस्तान बनना चाहता है ब्रिक्स का सदस्य; मांग रहा है रूस से मदद

[ad_1]

Loading

मुंबई: ड्रैगन अपनी नापाक हरकतों से कभी बाज नहीं आता है। ऐसे में वो अपने करीबी दोस्त पाकिस्तान (Pakistan) के कंधे पर बंदूक रख अक्सर भारत पर निशाना साधता रहता है। वहीं कंगाल पाकिस्तान के पास चीन की जी हुजूरी के अलावा कोई विकल्प भी नहीं बचा है। अब पाकिस्तान ब्रिक्स (BRICS) का सदस्य (Member) बनना चाहता है। जिसके पीछे चीन का हाथ माना जा रहा है। रूसी (Russia) मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ब्रिक्‍स की सदस्यता हासिल के करने के आवेदन भेजा है। जिसके लिए उसने रूस की मदद मांगी है। रुसी टीवी से चर्चा के दौरान पाक के राजदूत मोहम्मद खालिद जमाली ने इस बात का खुलासा किया।

पाकिस्तान के सामने सबसे बड़ा रोड़ा 
चीन की मंशा है कि रूस में ब्रिक्स के आयोजन के दौरान पाकिस्तान को भी इसकी सदस्यता मिल जाए। अगर पाकिस्तान ब्रिक्स की सदस्यता पा जाता है तो इसमें चीन का फायदा होगा। पाकिस्तान की इंट्री से ब्रिक्स में चीन का दबदबा और भी बढ़ जाएगा। क्योंकि ये तो जगजाहिर है कि पाकिस्तान इस वक्त चीन के लिए पपेट की तरह है जो उसे अपने इशारे पर नचाता रहता है। लेकिन पाकिस्तान के सामने एक सबसे बड़ा रोड़ा है भारत। पाकिस्तान में फलफूल रहे आतंकवाद के खिलाफ भारत विश्वपटल पर अपनी आवाज उठाता रहा है। ऐसे अगर पाकिस्तान को ब्रिक्स का हिस्सा बनना है तो उसे भारत को भी मनाना पड़ेगा। इसलिए पाकिस्तान के लिए ये राह इतनी आसान नहीं होने वाली है। बेलारूस में भारत का विरोध इसका एक बड़ा उदाहरण है।  

यह भी पढ़ें

ब्रिक्स क्या है
ब्रिक्स की स्थापना साल 2006 में हुई थी। उस वक्त इसका नाम ब्रिक (BRIC) रखा गया था, क्योंकि उस वक्त इसमें चार देश थे, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत और चीन शामिल थे। लेकिन उसके बाद जब साल 2010 में दक्षिण अफ्रीका इसमें शामिल हुआ तो इसका नाम ब्रिक से ब्रिक्स कर दिया गया। इन पांच देश की गिनती अब अग्रणी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के रूप में लिया जाता है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन इन्हीं पांच देशों द्वारा अलग अलग जगहों पर किया जाता है। उदाहरण के तौर पर जैसे एक साल चीन करेगा तो दूसरे साल अन्य देश करेगा। रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिक्स में शामिल देशों की कुल आबादी विश्व की जनसंख्या में 41 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 31.5 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार में 16 प्रतिशत योगदान है। ब्राजील, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका 2022 में 166 ब्रिक्स आयोजनों में रूस के साथ जुड़े और कुछ सदस्य रूस के लिए महत्वपूर्ण निर्यात बाजार बन गए।



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *