Pakistan extended the deadline for Afghan refugees to leave the country | आखिरी तारीख 31 दिसंबर; तालिबान ने कहा था- पाक उतना ही बोए, जितना काट सके

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3 घंटे पहले

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तस्वीर पाकिस्तान छोड़कर जा रहे अफगान शरणार्थियों की है।

पाकिस्तान ने वहां रहने वाले अफगान नागरिकों के लिए देश छोड़ने की आखिरी तारीख को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया है। वॉइस ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने कहा है कि वो अवैध तरह से देश में रह रहे 17 लाख अफगानियों को हर हाल में निकाल कर रहेगा।

अफगानिस्तान और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार दबाव के बीच पाक सरकार ने ये फैसला लिया है। पाकिस्तान में शरणार्थियों के लिए UN हाई कमिश्नर ने इस फैसले का स्वागत किया है। पाकिस्तान ने अपने फैसले में कहा- सरकार ने अफगान रिफ्यूजी के लिए प्रूफ ऑफ रेजिस्ट्रेशन (PoR) कार्ड की आखिरी तारीख 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है।

1 नवंबर को पाकिस्तान में रह रहे हजारों नागरिकों ने देश छोड़ दिया।

1 नवंबर को पाकिस्तान में रह रहे हजारों नागरिकों ने देश छोड़ दिया।

क्या है PoR कार्ड
दरअसल, पाकिस्तान में रह रहे अफगानी नागरिक ज्यादातर 1970 के बाद यहां पहुंचे थे। ये हर 6 महीने पर अपने PoR कार्ड रिन्यू करवाते थे। इस कार्ड के जरिए अफगानियों को कानूनी तौर पर पाकिस्तान में रहने की इजाजत मिलती थी। हालांकि, इस बार 30 जून को एक्सपायर होने के बाद कार्ड रिन्यू नहीं हो सका।

इसके बाद पाकिस्तान ने अक्टूबर में इन अफगान नागरिकों को निकालने की घोषणा की। इसके लिए शरणार्थियों को 1 महीने का समय दिया गया। पाकिस्तान के इस फैसले से नाराज अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने इसे क्रूर हरकत कहा था।

तालिबान ने कहा था- अफगान नागरिकों के साथ क्रूरता नहीं होने देंगे
तालिबान ने कहा था- पाकिस्तान को उतना ही बोना चाहिए, जितना वो काट सके। तालिबान अपने नागरिकों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं होने देगा। पाकिस्तान अफगान नागरिकों की संपत्ति को जब्त नहीं कर सकता है। इससे दोनों देशों के रिश्तों पर गंभीर असर होगा।

दूसरी तरफ, अमेरिका उन 25 हजार लोगों को पाकिस्तान से निकाले जाने से रोकना चाहता है, जिन्होंने उसकी मदद की थी। दरअसल, 9/11 हमलों के बाद अफगानिस्तान में अपने सैन्य अभियानों के दौरान अमेरिकी सैनिकों की इन लोगों ने मदद की थी। इसके बाद अमेरिका ने इन लोगों घर देने का वादा किया था।

हालांकि, पाकिस्तान के केयरटेकर PM अनवर उल-हक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वादा किया था कि अमेरिका की लिस्ट में शामिल लोगों को जबरदस्ती नहीं निकाला जाएगा। पाकिस्तान ने देश से अफगान नागरिकों को निकालने की वजह बढ़ते आतंकवादी हमलों को बताया था।

29 सितंबर को पाकिस्तान में 2 जगहों पर 2 आत्मघाती हमले हुए थे। 58 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद अफगानिस्तान के नागरिकों को वापस भेजने का फैसला लिया गया है।

29 सितंबर को पाकिस्तान में 2 जगहों पर 2 आत्मघाती हमले हुए थे। 58 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद अफगानिस्तान के नागरिकों को वापस भेजने का फैसला लिया गया है।

पाकिस्तान बोला- आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार अफगान नागरिक
पाकिस्तान के गृह मंत्री सरफराज बुगती ने आरोप लगते हुए कहा था- देश में हुए अब तक 24 फिदायीन हमलों में से 14 हमले अफगानिस्तान के नागरिकों ने किए हैं। हालांकि, तालिबान ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था।

पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में नाकाम केयरटेकर गवर्नमेंट ने अफगान नागरिकों पर आरोप लगाया था कि वो डॉलर की तस्करी करते हैं। इससे पाकिस्तान में महंगाई बढ़ रही है। इन पर हथियार और ड्रग्स तस्करी का भी आरोप लगाया गया।

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