Mumbai Hoarding Incident SIT Formed For Investigation | मुंबई होर्डिंग हादसा- जांच के लिए SIT का गठन: SIT ने आरोपी भिंडे के घर से दस्तावेज जब्त किए, बैंक खातों की भी जांच जारी

मुंबई34 मिनट पहले

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भावेश भिंडे को पुलिस ने उदयपुर से गिरफ्तार किया था।

मुंबई के घाटकोपर में 13 मई को धूलभरी आंधी आने के बाद घाटकोपर में एक अवैध होर्डिंग पेट्रोल पंप पर गिर गया था। इसमें 16 लोगों की मौत हुई थी। मामले की जांच के लिए अब मुंबई क्राइम ब्रांच ने SIT का गठन कर दिया है। इस SIT में 6 अधिकारी शामिल हैं।

SIT ने मुख्य आरोपी भावेश भिंडे के आवास की जांच भी की है। भावेश ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के मालिक है। घाटकोपर में गिरा 250 टन वजनी होर्डिंग इसी कंपनी ने लगाया था। हादसे के बाद भावेश पर गैरइरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया था। उसे उदयपुर से 16 मई को गिरफ्तार किया गया था।

SIT टीम ने भावेश के घर से कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं। भावेश के अलग-अलग बैंकों में कुल 7 खाते हैं। SIT इन बैंक खातों की जांच करते हुए पता लगाने की कोशिश कर रही है कि भावेश को जमाखोरी का ठेका कैसे मिला और उसने इससे कितनी कमाई की। SIT ने भावेश की कंपनी के कुछ अधिकारियों के बयान भी दर्ज किए हैं।

NDRF की 67 मेंबर्स की टीम ने होर्डिंग के नीचे दबे लोगों को निकाला था।

NDRF की 67 मेंबर्स की टीम ने होर्डिंग के नीचे दबे लोगों को निकाला था।

आरोपी भावेश पर 23 केस दर्ज
भावेश इस साल जनवरी में एक रेप मामले में गिरफ्तार हुआ था। हालांकि, बाद में उसे बेल मिल गई। वह 2009 में निर्दलीय विधानसभा चुनाव भी लड़ चुका है। चुनावी हलफनामे में उसने बताया था कि उसके खिलाफ 23 क्रिमिनल केस दर्ज हैं।

इनमें चेक बाउंस, होर्डिंग्स-बैनरों के लिए कई रेलवे और ग्रेटर मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के ठेके हासिल करने जैसे मामलों में मुंबई नगर निगम अधिनियम और नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत कई केस शामिल हैं। बीएमसी ने पेड़ों में जहर डालने के मामले भी उसके खिलाफ केस दर्ज कराया था।

तस्वीर में लाल घेरे में भावेश भिड़े है। वह जनवरी में रेप के मामले में गिरफ्तार हुआ था।

तस्वीर में लाल घेरे में भावेश भिड़े है। वह जनवरी में रेप के मामले में गिरफ्तार हुआ था।

ईगो मीडिया से पहले भावेश गुजू एड्स नाम की एक कंपनी चलाता था। हालांकि, बीएमसी ने कई केस दर्ज होने के बाद ​​​​​​कंपनी को ​ब्लैकलिस्ट कर दिया था। इसके बाद भावेश ने होर्डिंग और बिलबोर्ड का कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम से दूसरी कंपनी लॉन्च की थी।

होर्डिंग गिरने के बाद 66 घंटे तक चला था रेस्क्यू ऑपरेशन

13 मई की शाम धूलभरी आंधी चलने और बेमौसम बरसात के बाद घाटकोपर में पेट्रोल पंप के पास लगा 120 फीट * 120 फीट का होर्डिंग गिरा था। इसके नीचे दबने से 16 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 75 घायल हुए थे। होर्डिंग का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में सबसे बड़े होर्डिंग के रूप में दर्ज किया गया था। हादसे के बाद 66 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला था।

रेलवे के असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर (एडमिन) ने होर्डिंग हादसे पर बयान जारी कर बताया कि जिस पेट्रोल पंप पर होर्डिंग गिरा, वह भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) का है। यह पेट्रोल पंप रेलवे पुलिस की जमीन पर बना है। तत्कालीन GRP कमिश्नर कैसर खालिद ने दिसंबर 2021 में भावेश की कंपनी को 10 साल के लिए पेट्रोल पंप के पास होर्डिंग्स लगाने की मंजूरी दी थी।

म्यूनिसिपल कमिश्नर भूषण गगरानी ने बताया कि होर्डिंग लगाने के लिए BMC से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। होर्डिंग के आसपास के पेड़ों को जहर देकर सुखाने के मामले में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी।

भाजपा नेता का आरोप- उद्धव सरकार ने होर्डिंग की अनुमति दी थी
भाजपा ने पूरे मामले पर महाराष्ट्र के पूर्व CM उद्धव ठाकरे पर हमला बोला । पूर्व सांसद और भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि उद्धव ठाकरे 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री बने। उनकी सरकार में होर्डिंग लगाने की अनुमति तब दी गई थी। भावेश भिंडे को 7 दिसंबर 2021 को होर्डिंग बनाने का कॉन्ट्रैक्ट मिला था। उद्धव ठाकरे और सुनील राउत 16 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार हैं।

किरीट सोमैया ने कहा- आदित्य ठाकरे को लगता है कि उनके पिता उद्धव ठाकरे इस मामले में फंस सकते हैं। संजय राउत को लगता है कि उनके भाई सुनील राउत का नाम भी पुलिस जांच के दायरे में आ सकता है।

सोमैया ने आरोप लगाया कि होर्डिंग लगाने की इजाजत देने का काम BMC का है। फिर एक पुलिस अधिकारी ने इसकी मंजूरी कैसे दे दी। कागजों पर 40 फीट के होर्डिंग लगाने की बात कही गई थी। इसके उलट, 120 फीट ऊंचा होर्डिंग लगाया गया, जिसके कारण इतना बड़ा हादसा हुआ।

भाजपा नेता के मुताबिक, मुंबई के विभिन्न हिस्सों में ऐसे 400 होर्डिंग हैं, जो लिमिट से ज्यादा बड़े और कमजोर नींव पर खड़े हैं। रेलवे ने अवैध होर्डिंग लगाने के मामले में कई शिकायतों के बाद 2017-18 में भावेश की एक अन्य कंपनी को ब्लैकलिस्ट भी किया था।

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