जोधइया बाई की तबीयत बिगड़ गई।
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आदिवासी चित्रकला को विश्व के पटल में स्थान दिलाने वाली एवं राष्ट्रपति पुरस्कृत जोधइया बाई की तबीयत अचानक बिगड़ गई। बताया जाता है कि उन्हें गृह ग्राम लोरहा से 108 की मदद से जिला अस्पताल लाया गया है।
सूत्रों की मानें तो राष्ट्रपति पुरस्कृत जोधइया बाई आंशिक रूप से पैरालाइज़्ड का शिकार हुई हैं। बताया जाता है कि शनिवार 20 जनवरी को जोधइया बाई अपनी बिटिया के घर ग्राम अमडी गई थीं। वहां से रात को ही वापस हो गई थीं। रविवार की सुबह ठंड बढ़ने की वजह से उन्हें आंशिक पैरालाइज़्ड का झटका आना बताया जा रहा है। शाम 4 बजे जोधइया बाई जिला अस्पताल पहुंच गई हैं, और चिकित्सकों के ऑब्सर्वेशन में है।
कौन हैं जोधइया बाई
जोधइया बाई को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविद नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित कर चुके हैं। जोधइया बाई कभी स्कूल तो नहीं गई, लेकिन उनकी अद्भुत कला के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें पहचाना जाता है। मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल उमरिया जिले के एक छोटे से गांव लोढ़ा में रहने वाली जोधइया बाई 40 साल से भी ज्यादा समय से आदिवासी पेंटिंग्स बना रही हैं। 82 साल की उम्र में भी उनके हाथ कैनवास पर खूबसूरत चित्रों को उकेर रहे हैं। वे प्रदेश की जनजातीय कला को अपने रंगों से सजा कर युवा पीढ़ी को मध्य प्रदेश के ट्राइबल आर्ट से रूबरू कराती हैं।
