Monu Manesar Case Update; Lawrence Bishnoi Group | Junaid Nasir Murder Case | गैंगस्टर के भाई अनमोल के संपर्क में था; गिरफ्तारी से पहले 15 दिन हुई बातचीत

चंडीगढ़43 मिनट पहले

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राजस्थान के नासिर-जुनैद हत्याकांड में गिरफ्तार हुआ हरियाणा का गोरक्षक मोनू मानेसर गैंगस्टर बनना चाहता था। यह खुलासा अभी तक की जांच में हुआ है। मोनू गैंगस्टर लॉरेंस के ग्रुप में शामिल होना चाहता था, इसके लिए वह लगातार लॉरेंस के भाई अनमोल से संपर्क में बना हुआ था। गिरफ्तारी से पहले 10 सितंबर तक दोनों के बीच एक विशेष ऐप सिग्नल के जरिए बातचीत भी हो रही थी।

27 अगस्त से शुरू हुई बातचीत
मोनू मानेसर की बातचीत लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल से 27 अगस्त से शुरू हुई। इस दौरान दोनों के बीच सिग्नल ऐप के जरिए ही इनकमिंग और आउटगोइंग कॉल भी एक्सचेंज हुई। सिग्नल पर ही दोनों के बीच मैसेज का भी आदान-प्रदान हुआ। दोनों की बातचीत की पूरी डिटेल में इसका खुलासा हुआ है। हालांकि अभी इसकी पुलिस के द्वारा आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।

अनमोल ने भेजा पहला मैसेज
27 अगस्त को पहला मैसेज विदेश में बैठे बिश्नोई के भाई अनमोल ने किया। जिसमें उसने सिग्नल ऐप के जरिए मोनू को मैसेज में अनमोल लिखकर भेजा। इसके बाद मोनू ने 28 अगस्त को यह मैसेज देखा, देखकर उसने जय श्री राम लिखकर जवाब दिया। दोनों के मैसेज के बाद बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। यह सिलसिला 10 सितंबर तक जारी रहा।

क्या है VIDEO में
10 सितंबर को दोनों के बीच आखिरी बार मैसेज का आदान-प्रदान हुआ। अनमोल की ओर से मोनू मानेसर को यह जानकारी दी गई कि भाई (लॉरेंस बिश्नोई) का फोन चल गया है। मोनू ने लिखा वाह जी जय बलकारी। इसके बाद अनमोल ने मोनू से भाई से बात करने के लिए कहा। मोनू को इसके बाद अनमोल ने लॉरेंस का सिग्नल ऐप का नंबर भी भेजा। इसके बाद 12 सितंबर को मोनू मानेसर की गिरफ्तारी हो गई।

12 सितंबर को किया था गिरफ्तार
हरियाणा पुलिस ने मोनू मानेसर को मंगलवार (12 सितंबर) को गिरफ्तार किया था। उस पर 31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा से पहले भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट डालने का केस है। नूंह पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच ने उसे गुरुग्राम में मानेसर के मार्केट से पकड़ा। वह इसी गांव का रहने वाला है।

मोनू को नूंह कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस ने उसका रिमांड मांगा, लेकिन कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भौंडसी जेल भेज दिया। मोनू मानेसर पर भिवानी में हुए राजस्थान के नासिर-जुनैद हत्याकांड में शामिल होने का आरोप है। इस केस में वह पिछले 8 महीने से फरार था।

मोनू की गिरफ्तारी का पता चलते ही राजस्थान पुलिस भी कोर्ट पहुंच गई। उसे जेल ले जाने से पहले ही राजस्थान पुलिस को उसकी ट्रांजिट रिमांड मिल गई। इसके बाद उसे राजस्थान पुलिस ले गई।

राजस्थान का नासिर-जुनैद हत्याकांड, जिसमें जिंदा जलाए 2 युवक
15 फरवरी 2023 को राजस्थान में भरतपुर के गांव घाटमिका के नासिर और जुनैद गायब हो गए। परिवार ने पुलिस को शिकायत करते हुए किडनैपिंग के आरोप लगाए। अगले दिन 16 फरवरी काे हरियाणा में भिवानी के लोहारू में बोलेरो में 2 लोग जिंदा जले मिले। गाड़ी के नंबर से पता चला कि ये बोलेरो वही है, जिसमें नासिर-जुनैद जा रहे थे। बोलेरो के अंदर दोनों कंकाल के रूप में मिले।

उन्हें बोलेरो समेत जिंदा जलाया गया। जिसके बाद राजस्थान पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर लिया। इसमें मोनू मानेसर समेत कई आरोपियों को नामजद किया गया। इनमें से कुछ आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए, लेकिन मोनू मानेसर 8 महीने से फरार था।

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हरियाणा पुलिस ने मोनू मानेसर को मंगलवार (12 सितंबर) को गिरफ्तार कर लिया। उस पर 31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा से पहले भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट डालने का केस है। नूंह पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच ने उसे गुरुग्राम में मानेसर के मार्केट से पकड़ा। वह इसी गांव का रहने वाला है (पढ़ें पूरी खबर)

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राजस्थान के जुनैद-नासिर हत्याकांड में मोनू मानेसर पुलिस रिकॉर्ड में 8 महीने से फरार था। इसके बाद भी वह मीडिया को इंटरव्यू दे रहा था। सोशल मीडिया पर एक्टिव था। नूंह में 31 जुलाई की हिंसा से पहले उसने खुलकर वीडियो जारी किया। राजस्थान पुलिस के रिकॉर्ड में हत्या का आरोपी होने के बावजूद नूंह (मेवात) की ब्रजमंडल यात्रा में आने का ऐलान किया (पढ़ें पूरी खबर)

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