Indian Government Officer Vs US; Khalistani Gurpatwant Pannu Murder Controversy | India US | अमेरिकी चार्जशीट में दावा- कॉन्ट्रैक्ट किलिंग के लिए एजेंट को हायर किया था, केस दर्ज

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21 मिनट पहले

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फुटेज कनाडा में रह रहे खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू का है। वो खालिस्तानियों के लिए अलग देश की मांग के साथ कई बार भारत को धमकियां दे चुका है। (फाइल)

अमेरिका में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश के मामले में गुरुवार को न्यूयॉर्क पुलिस की चार्जशीट सामने आई। इसमें एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर पन्नू की हत्या करने की कोशिश का आरोप है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, आरोपी को भारत सरकार के एक अधिकारी ने ऐसा करने के लिए कहा था।

हालांकि, चार्जशीट में भारतीय अधिकारी के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। उसे CC-1 के नाम से संबोधित किया गया है। चार्जशीट के मुताबिक, CC-1 भारत सरकार की एक एजेंसी का कर्मचारी है, जिसने कई मौकों पर खुद को सीनियर फील्ड अफसर बताया है। वो सिक्योरिटी मैनेजमेंट और इंटेलिजेंस के लिए जिम्मेदार है।

दरअसल, 22 नवंबर को पब्लिश फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सरकार ने आरोप लगाया था कि न्यूयॉर्क में पन्नू पर जानलेवा हमले की साजिश रची गई थी। इसमें भारत का हाथ था। इस साजिश को नाकाम कर दिया गया।

हालांकि, यह नहीं बताया गया था कि हमला किस दिन होने वाला था। जून में PM मोदी के अमेरिका दौरे के बाद ही अमेरिकी अधिकारियों ने भारत के सामने यह मुद्दा उठाया था। इसके बाद भारत सरकार ने इसकी जांच के लिए 18 नवंबर को हाई लेवल कमेटी बनाई थी। कहा था कि जांच के नतीजों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

ये तस्वीर चार्जशीट में लगाई गई है। पैसे एडवांस के तौर पर दिए गए थे।

ये तस्वीर चार्जशीट में लगाई गई है। पैसे एडवांस के तौर पर दिए गए थे।

CC-1 भारत की सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स के लिए काम करता है
चार्जशीट के मुताबिक, भारतीय अफसर ने ये भी बताया था कि वो भारत की सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स के लिए काम करता है। अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के मुताबिक, भारत सरकार के इस अधिकारी ने कहा था कि उसे युद्ध कला में अफसर लेवल की ट्रेनिंग और हथियार चलाना भी सिखाया जा रहा है।

निखिल ने अमेरिका के फेडरल एजेंट्स को बताया कि उसे पन्नू के अलावा भी कई लोगों की हत्या करने के लिए कहा गया था। चार्जशीट में सौ डॉलर का बिल भी था, जो आरोपी को एडवांस पेमेंट के तौर पर दिया गया था।

डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के मुताबिक, प्रत्यर्पण संधि के तहत चेक रिपब्लिक के अधिकारियों ने निखिल गुप्ता को 30 जून को गिरफ्तार किया था। दोषी साबित होने पर उसे 20 साल जेल की सजा हो सकती है।

अब जानिए पन्नू कौन है…

कैसे रची गई थी साजिश
अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के मुताबिक, भारतीय अधिकारी के कहने पर निखिल ने एक अपराधी से पन्नू के मर्डर के लिए कॉन्टैक्ट किया, लेकिन असल में ये अपराधी अमेरिकी एजेंट था। इस एजेंट ने निखिल की पहचान एक और अंडरकवर अधिकारी से करवाई जो हत्या को अंजाम देने वाला था। इसके लिए करीब 83 लाख रुपए की डील हुई थी।

डील होने के बाद भारतीय अधिकारी CC-1 ने गुप्ता को पन्नू के न्यूयॉर्क वाले घर का पता, उसका फोन नंबर और उसकी दिनचर्या से जुड़ी पूरी जानकारी दी। गुप्ता ने इसे बाकी लोगों तक पहुंचाया। गुप्ता ने अंडरकवर अधिकारी को जल्द से जल्द काम पूरा करने को कहा। हालांकि, उसे उन तारीखों पर हत्या न करने को कहा गया जब भारत और अमेरिका के अधिकारियों के बीच हाई-लेवल बैठकें होनी थीं।

दरअसल, न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, उसी महीने PM मोदी अमेरिका के दौरे पर पहुंचे थे। चार्जशीट के मुताबिक, गुप्ता ने हिटमैन को बताया था कि हरदीप सिंह निज्जर भी उनके टारगेट्स की लिस्ट में था। कनाडा में उसकी हत्या के बाद CC-1 ने गुप्ता को पन्नू से जुड़ा एक न्यूज आर्टिकल भेजा था। इसमें भारतीय अधिकारी ने कहा था कि उसे मारना अब प्राथमिकता है।

अमेरिकी अधिकारी बोला- पन्नू ने लोकतांत्रिक तरह से अलग देश की मांग की
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि 1980 के दशक में जब भारत में सिख अलगाववादी हिंसा फैला रहे थे, तब निज्जर की ही तरह पन्नू भी आतंकी गतिविधियों में शामिल नहीं था। वो लोकतांत्रिक तरीकों से खालिस्तानियों के लिए अलग देश की मांग कर रहा था।

चार्जशीट में निज्जर की हत्या की साजिश और पन्नू को मारने की कोशिश के बीच के कनेक्शन को भी बताया गया है। CC-1 ने निज्जर की हत्या होने के बाद खून से लथपथ उसके शव का एक वीडियो भी भेजा था। इसे दिखाते हुए पन्नू को तुरंत मारने का आदेश दिया गया था।

बाइडेन ने सितंबर में PM मोदी के सामने उठाया था मुद्दा

तस्वीर 10 सितंबर की है, जब G20 समिट के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन भारत दौरे पर आए थे।

तस्वीर 10 सितंबर की है, जब G20 समिट के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन भारत दौरे पर आए थे।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता एड्रियन वॉटसन ने बताया कि बाइडेन प्रशासन को निखिल गुप्ता पर लगे आरोप और इसमें भारत सरकार के अधिकारी के शामिल होने की जानकारी दी गई थी। इसके बाद उन्होंने भारत सरकार में सबसे ऊंचे स्तर पर इस बारे में बात करके अपनी चिंताएं व्यक्त कीं।

वॉटसन ने कहा- भारत सरकार ने शुरुआत से ही हमें आश्वासन दिया कि वो इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कर रहे हैं। हमने भारत सरकार को मामले से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां उपलब्ध करवाई हैं।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, बाइडेन ने खुद CIA के डायरेक्टर विलियम बर्न्स को अगस्त में भारत जाकर सरकार से आरोपी पर कार्रवाई से जुड़ी चर्चा करने को कहा था। बाइडेन जब सितंबर में G20 समिट के लिए भारत आए थे, तब उन्होंने खुद भी PM मोदी से मुद्दे पर बात की थी।

2020 में आतंकी घोषित हुआ पन्नू
भारत सरकार ने 2019 में आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत पन्नू के संगठन SFJ पर बैन लगाया। गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा था कि सिखों के लिए रेफरेंडम की आड़ में SFJ पंजाब में अलगाववाद और उग्रवादी विचारधारा का समर्थन कर रहा है।

पन्नू पर साल 2020 में अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप लगा। इसके बाद केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया। 2020 में सरकार ने SFJ से जुड़े 40 से ज्यादा वेब पेज और यूट्यूब चैनलों को बैन किया।

विदेश मंत्रालय बोला- मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अमेरिकी आरोपों के मामले में विदेश विभाग जांच कर रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अमेरिकी आरोपों के मामले में विदेश विभाग जांच कर रहा है।

इससे पहले बुधवार को विदेश मंत्रालय ने बताया कि पन्नू की हत्या की साजिश की जांच के लिए भारत सरकार ने हाई लेवल कमेटी बनाई है। यह कमेटी 18 नवंबर को बना दी गई थी। इसकी जांच के नतीजों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम संगठित अपराधियों, आतंकवादियों और दूसरे लोगों के बीच की कड़ी की जांच कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा- भारत ऐसे इनपुट्स को बहुत गंभीरता से लेता है, क्योंकि ये हमारे सुरक्षा हितों को भी खतरे में डाल सकते हैं। पूरी खबर पढ़ें…

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