India-Saudi Arabia wrote new chapter of friendship buyer of crude oil and LPG for decades will become energy partner – India Hindi News

India-Saudi Arabia MoU: दशकों तक परंपरागत रूप से तेल विक्रेता और खरीददार के रूप में रहे सऊदी अरब और भारत ने अब ऊर्जा क्षेत्र में नए रिश्तों की बुनियाद रखी है। दोनों देशों ने सोमवार को बिजली ग्रिड, नवीकरणीय ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन क्षमताओं के लिए समुद्र के भीतर इंटरलिंक बनाने की दिशा में काम करने पर सहमति जताते हुए अपने पारंपरिक तेल क्रेता-विक्रेता संबंध को ऊर्जा साझेदारी में बदलने की योजना बनाई है। भारत, सऊदी अरब समुद्र के अंदर केबल के साथ पावर ग्रिड बनाने पर विचार कर रहे हैं।

केंद्रीय नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह और उनके सऊदी समकक्ष अब्दुलअज़ीज़ बिन सलमान अल-सऊद ने द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। समझौते के मुताबिक, भारत की स्थिति को सऊदी अरब से तेल और रसोई गैस (एलपीजी) के शुद्ध खरीदार से हरित ऊर्जा और हाइड्रोजन निर्यात करने वाले ऊर्जा निर्यातक में बदलने की क्षमता है। सऊदी अरब भारत के लिए तेल का तीसरा सबसे बड़ा और एलपीजी का सबसे बड़ा स्रोत है।

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारत और सऊदी अरब ने सोमवार को ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग तथा द्विपक्षीय निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। बयान के अनुसार, “भारत सरकार और सऊदी अरब की सरकार के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर 10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी में हस्ताक्षर किए गए।” 

समझौता ज्ञापन के अनुसार, भारत और सऊदी अरब नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, हाइड्रोजन, बिजली और दोनों देशों के बीच ग्रिड इंटरकनेक्शन, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार तथा ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग करेंगे। इसका मकसद नवीकरणीय ऊर्जा, बिजली, हाइड्रोजन तथा भंडारण और तेल व गैस के क्षेत्र में द्विपक्षीय निवेश को प्रोत्साहित करना है।

भारत और सऊदी अरब के बीच 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर के करीब 50 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि भारत और सऊदी अरब आने वाले वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 52 अरब अमेरिकी डॉलर से दोगुना कर 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने पर गौर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश अधिक संतुलित व्यापार पर भी विचार कर सकते हैं।

मंत्री ने निवेश की सुविधा के लिए सऊदी अरब को गुजरात के गिफ्ट शहर में अपने सरकारी संपत्ति कोष का एक कार्यालय खोलने और उद्योग मंडल फिक्की ने इन्वेस्ट इंडिया तथा वाणिज्य मंत्रालय के साथ साझेदारी में रियाद में एक कार्यालय स्थापित करने का सुझाव दिया। गोयल ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, “शायद यह व्यापार तथा निवेश का बेहतर प्रवाह शुरू करने का एक तरीका हो सकता है और इससे यह भी पता चलेगा कि हम अपने व्यापार को कैसे दोगुना कर सकते हैं, जो वर्तमान में करीबी 52 अरब अमेरिकी डॉलर है।”

उन्होंने कहा, “क्या हम अधिक महत्वाकांक्षी हो सकते हैं और इसे 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जा सकते हैं? क्या हम अधिक संतुलित व्यापार पर विचार कर सकते हैं? क्या हम भारत को सऊदी अरब के लिए खाद्य सुरक्षा प्रदाता बनाने पर विचार कर सकते हैं? जबकि सऊदी अरब हमें तेल तथा उर्वरक जैसी अधिक ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करने में मदद करता है…यह वास्तव में दोनों पक्षों के लिये पूरी तरह से फायदेमंद होगा।”

सऊदी अरब को भारत का निर्यात 2021-22 में 8.8 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2022-23 में 10.72 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है। दूसरी ओर, आयात 2021-22 में 34.1 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2022-23 में 42 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। जी20 शिखर सम्मेलन के रविवार को सम्पन्न होने के बाद सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल-सऊद वर्तमान में भारत की राजकीय यात्रा पर हैं। उनके साथ मंत्रियों तथा कारोबारियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी है।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *