India medical students can now practice in US, other countries | नेशनल मेडिकल कमीशन को वर्ल्ड फेडरेशन ने 10 साल की मान्यता दी; सभी 706 मेडिकल कॉलेज शामिल

नई दिल्ली3 मिनट पहले

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अभी तक MBBS की पढ़ाई करने वाले छात्र केवल भारत में ही डॉक्टरी की प्रैक्टिस कर सकते थे।

देश के मेडिकल स्टूडेंट्स अब विदेश में भी डॉक्टरी की प्रैक्टिस कर सकते हैं। इसमें भारत के भी 706 मेडिकल कॉलेजों के छात्र शामिल हैं। राष्ट्रीय मेडिकल कमीशन (NMC) को वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन (WFME) की तरफ से मान्यता मिल गई है। भारत के छात्र अब यहां की डिग्री के साथ दूसरे देश जैसे यूएस, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी वे मरीजों का इलाज कर पाएंगे।

अभी तक MBBS की पढाई करने वाले छात्र केवल भारत में ही डॉक्टरी की प्रैक्टिस कर सकते थे।

10 सालों तक नहीं होगी कोई परेशानी
WFME ने नेशनल मेडिकल कमीशन को 10 सालों के लिए विदेश में प्रैक्टिस करने की मान्यता दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में जो भी नए मेडिकल कॉलेज खुलेंगे, वहां से पासआउट होने वाले डॉक्टरों को भी विदेश में प्रैक्टिस करने की इजाजत मिलेगी।

WFME ने नेशनल मेडिकल कमीशन को 10 सालों के लिए विदेश में प्रैक्टिस करने की मान्यता दी है।

WFME ने नेशनल मेडिकल कमीशन को 10 सालों के लिए विदेश में प्रैक्टिस करने की मान्यता दी है।

WFME की मान्यता कैसे मिलती है?
WFME की तरफ से मिली इस मान्यता के बाद से भारत की एजुकेशन का स्तर बेहतर होगा। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड जैसे देशों को पहले से ही मान्यता मिली हुई है। अब पढ़िए यह मान्यता कैसे मिलती है…

  1. इसके एक्रेडिटेशन के लिए मेडिकल इंस्टीट्यूट्स को एजुकेशन और ट्रेनिंग के सबसे ऊंचे दर्जे के इंटरनेशनल स्टैंडर्ड मेंटेन करने होंगे।
  2. WFME मान्यता प्रक्रिया में हर मेडिकल कॉलेज को लगभग 50 लाख रुपए का शुल्क देना होता है। इस फंड से WFME की टीम यहां विजिट करती है। उनके रहने-खाने का खर्च भी मेडिकल कॉलेज को ही उठाना पड़ता है।

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नेशनल मेडिकल कमीशन की गाइडलाइन का विरोध, प्रदर्शन में देशभर से जुटे गैर-चिकित्सक शिक्षक

नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के खिलाफ देशभर से आए गैर-चिकित्सक शिक्षकों ने नई दिल्ली में सोमवार (21 अगस्त) को विरोध प्रदर्शन किया। नेशनल एमएससी मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (NMMTA) के इस प्रदर्शन में मेडिकल M.Sc/Ph.D. डिग्रियों वाले शामिल रहे।इनका कहना था कि NMC की गाइडलाइन से हमारी नौकरियां खत्म हो जाएंगी। पूरी खबर पढ़ें …

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