हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ऑफिस (CMO) में अपनी पैठ पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है। शुक्रवार को करनाल पहुंचे खट्टर ने कहा कि भाजपा में हैड्स चेंज होने पर कट मारने का काम नहीं होता। यहां तालमेल बनाते हुए चीजों को आगे बढ़ाते
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बता दें कि 3 दिन पहले प्रवीण अत्रे को CM नायब सैनी का मीडिया सचिव, तरूण भंडारी को राजनीतिक सचिव और वीरेंद्र सिंह बढ़खालसा को CM का OSD लगाया गया था। अत्रे और भंडारी पहले भी खट्टर के CM रहते इन्हीं पदों पर काम कर रहे थे। वहीं बढ़खालसा भी CMO में ही नियुक्त थे।
सीएमओ में इन तीन नेताओं की हुई थी नियुक्ति
मुख्यमंत्री ऑफिस में पैठ पर केंद्रीय मंत्री की अहम बातें…
1. जिले से ऑल इंडिया लेवल तक तालमेल हमारी पार्टी और कार्यकर्ताओं का काम कंटीन्युएशन में होता है। ये दूसरी पार्टियां हैं, जब भी कभी हैंड्स चेंज होते हैं तो कट मारकर एक इधर गया और दूसरा उधर गया। यहां ऐसा नहीं है। यहां पार्टी ने जब से काम करना शुरू किया, लगातार हम तालमेल बढ़ाते हुए चीजों को आगे बढ़ाते हैं। वह चाहे जिले, प्रदेश में या फिर ऑल इंडिया लेवल पर हो।
2. भाजपा में अनुशासित तरीका भाजपा का काम करने का तरीका बहुत अनुशासित है। जो शायद देश की किसी पार्टी का नहीं है। मैं भाजपा के साथ जुड़कर काम करने में गौरवान्वित महसूस करता हूं।
3. कांग्रेस में संगठन नाम की चीज नहीं यहां वह समस्याएं नहीं आती कि कांग्रेस की तरह कहीं संगठन नाम की चीज नहीं है। न जिले में, न मंडल और न ही प्रदेश में। कभी भी किसी की नियुक्ति करके ऊपर से चलाते रहते हैं, नीचे से खुलापन रहता है।
4. सब तालमेल से चलता है भाजपा की चाहे प्राइमरी मेंबरशिप हो या सक्रिय सदस्यता या चुनाव हों, चाहे सरकार हो, सब तालमेल से चलती हैं। कभी किसी तरह का विरोधाभास नहीं हुआ। हमें तो एक सम्यक और स्मूथ ढंग से की जा सकती है, उसकी भरपूर कोशिश करते हैं, ताकि जनता को किसी तरह की तकलीफ न हो।
साढ़े 9 साल CM रहे खट्टर, अब केंद्र में मंत्री मनोहर लाल खट्टर को भाजपा ने 2014 में पूर्व बहुमत की सरकार आने पर मुख्यमंत्री बनाया था। तब वे पहली बार MLA चुने गए थे। इसके बाद 2019 का चुनाव भी उन्हीं की अगुआई में लड़ा। जिसमें भाजपा 90 में से 40 ही सीटें जीत पाई। बहुमत के लिए 46 सीटों की जरूरत थी।
ऐसे में मनोहर लाल ने 10 सीटों वाली उसी जननायक जनता पार्टी (JJP) को साथ मिला लिया, जिन्हें भाजपा के विरोध में वोटें पड़ी थी। हालांकि दूसरे टर्म में साढ़े 4 साल बाद खट्टर ने इस्तीफा दे दिया और नायब सैनी नए सीएम बन गए। खट्टर ने पहली बार करनाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। सांसद चुने जाने पर उन्हें केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया।
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1999 की बात है। हरियाणा में BJP और हरियाणा विकास पार्टी के गठबंधन की सरकार थी। चौधरी बंसीलाल मुख्यमंत्री थे। एक दिन BJP के संगठन मंत्री मुख्यमंत्री बंसीलाल से मिलने गए। कुछ देर बाद CM ने मैसेज भिजवाया- ‘BJP के संगठन मंत्री हमारी पार्टी के संगठन मंत्री से मिल लें। मुझसे मिलने की जरूरत नहीं है।’ पढ़ें पूरी खबर