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1 घंटे पहले
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तस्वीर 3 दिन फ्रांस के वाट्री एयरपोर्ट पर हिरासत में रहकर मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे भारतीयों की है।
फ्रांस से 276 भारतीयों के वापस लौटने के बाद गुजरात पुलिस ने अवैध इमिग्रेशन के नेटवर्क का भंडाफोड़ करने का फैसला किया है। इसके लिए फ्रांस से लौटे भारतीयों से मदद ली जाएगी। दरअसल, इनमें कई पैसेंजर्स गुजरात से हैं। CID क्राइम के SP संजय खारत ने कहा- लोगों को दूसरे देश में गैरकानूनी तरह से एंट्री दिलवाने के नाम पर एजेंट्स नेटवर्क चला रहे हैं। हमने इन्हें पकड़ने के लिए 4 टीमें बनाई हैं।
SP ने आगे कहा- हम पैसेंजर्स के गुजरात लौटने पर उनसे संपर्क करेंगे। इस बात की भी जांच की जाएगी कि क्या इन लोगों को अमेरिका पहुंचाने के लिए जाली दस्तावेज बनाए गए थे। साथ ही अब तक इस तरह से कितने लोग विदेश जा चुके हैं, इसकी भी जांच होगी। संजय खारत ने बताया कि अब तक CID को एजेंट्स से जुड़ी शुरुआती जानकारी ही हासिल हुई है।
SP ने बताया कि छोटे शहरों और गांवों में एजेंट्स विदेश जाने की इच्छा रखने वाले लोगों से संपर्क करते हैं। इस पूरे नेटवर्क को अंतरराष्ट्रीय लेवल पर ऑपरेट किया जाता है। पैसेंजर्स का चुनाव करने के बाद देश और उनकी रिक्वायरमेंट्स के आधार पर हर बार अलग तरह से ये नेटवर्क काम करता है। फीस भी उसी हिसाब से तय होती है।

मुंबई एयरपोर्ट पर फ्रांस की हिरासत से छूटकर आए भारतीय नागरिक।
फ्रांस ने मानव तस्करी के शक में रोका था विमान
दरअसल, 22 दिसंबर को दुबई से निकारागुआ जा रहे भारतीय नागरिकों वाला विमान वाट्री एयरपोर्ट पर ईंधन भरने के लिए उतरा था। इस दौरान फ्रांस के अधिकारियों को सूचना मिली कि इसमें मानव तस्करी के पीड़ितों को ले जाया जा रहा है, जिसके बाद फ्लाइट को उड़ान भरने से रोक दिया गया था।
पहले खबर थी कि इस प्लेन से 300 यात्री भारत आ रहे हैं। इनमें से 25 भारतीयों ने फ्रांस में शरण मांगी है, इन्हें पेरिस के स्पेशल जोन ‘चार्ल्स द गॉल’ एयरपोर्ट पर उस जगह भेज दिया गया है, जहां शरण मांगने वालों को रखा जाता है।
फ्रेंच न्यूजपेपर ला मोंड की रिपोर्ट के मुताबिक दुबई से फ्रांस पहुंचने वाली फ्लाइट में लोग अपनी मर्जी से आए थे। इसलिए फ्रांस की पुलिस ने मानव तस्करी के एंगल से मामले की जांच बंद कर दी है। अब इसे इमिग्रेशन के कानूनों के उल्लंघन के तौर पर देखा जा रहा है।
4 दिन बाद वापस लौटे 276 भारतीय
4 दिन फ्रांस में रोके जाने के बाद प्लेन मंगलवार सुबह मुंबई पहुंचा। इसने 25 दिसंबर की शाम पेरिस के वाट्री एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। यह मंगलवार सुबह 4 बजे मुंबई एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। एयरपोर्ट पर पहुंचते ही CISF ने इनसे पूछताछ की।
21 दिसंबर को रोमानिया की चार्टर कंपनी का एक प्लेन दुबई से निकारागुआ के लिए उड़ान भरता है, 23 दिसंबर को इस प्लेन का फ्रांस के वाट्री एयरपोर्ट पर फ्यूल और टेक्निकल मेंटेनेंस के लिए उतरना पहले से तय था। लैंडिंग के कुछ देर बाद ही फ्रांस पुलिस की कई गाड़ियां यहां पहुंचीं और एयरक्राफ्ट को कब्जे में ले लिया। फ्रांस को शक था कि इस प्लेन में मौजूद लोगों की तस्करी हो रही थी। फ्रांस की एंटी ऑर्गनाइज्ड क्राइम यूनिट को इस मामले की जांच सौंपी गई।

300 भारतीयों वाला विमान दुबई से निकारागुआ जा रहा था।
फ्रांस के जजों ने यात्रियों को लौटने की इजाजत दी
फ्रांस में विदेशी नागरिकों को 4 दिन से ज्यादा हिरासत में नहीं रख सकते। इसके लिए जज से परमिशन लेनी पड़ती है, जो उनकी हिरासत को 8 दिन बढ़ा सकते हैं। हालांकि गंभीर मामलों में हिरासत का वक्त 24 दिन भी किया जा सकता है।
24 दिसंबर को फ्रांस की एक कोर्ट के 4 जजों ने क्रिसमस की छुट्टियों में भी काम करते हुए हिरासत में रखे गए यात्रियों से पूछताछ करने के बाद विमान के रवाना होने के आदेश दिए थे। इसके बाद 25 दिसंबर को भारतीयों के प्लेन को उड़ान भरने की इजाजत दे दी गई।
मामले की जांच कर रहे एक अफसर ने कहा था- हमें शक है कि इन भारतीयों को सेंट्रल अमेरिका में किसी जगह ले जाया जाना था। यह भी मुमकिन है कि इनमें से कुछ लोग कनाडा जाना चाहते हों।
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