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मुंबई/ देवानंद की 100वीं बर्थ एनिवर्सरी पर वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) को दादा साहब फाल्के पुरस्कार (Dadasaheb Phalke Award) देने की घोषणा हुई है। दोनों के लिए आज गजब का संयोग है। इस दिग्गज अदाकारा को देवानंद (Devanand) ने अपनी फिल्म सीआईडी में डेब्यू कराया था। इस फिल्म का निर्देशन निर्देशक राज खोसला ने किया था।
वहीदा रहमान ने देवानंद के साथ अपनी पहली मुलाकात के साथ-साथ कई और किस्से उनके जन्मदिन पर शेयर किए हैं। वहीदा रहमान ने कहा कि मेरी पहली मुलाकात देवानंद साहब से सीआईडी के सेट पर हुई थी। उस समय मैं उनकी फैन थी और कभी भी सपने में नहीं सोचा था कि मैं पहली फिल्म उनके साथ ही करने वाली हूं। देवानंद काफी मिलनसार और सपोर्टिंग किस्म के इंसान थे। उन्होंने मुझे कभी भी इस बात का एहसास नहीं होने दिया कि मैं एक न्यू-कमर फिल्म एक्ट्रेस हूं और एक वह एक नामी सुपरस्टार हैं।
वहीदा रहमान ने देवानंद के बारे में एक और खास बात बतायी। वह अक्सर नए लोगों को सपोर्ट करते हुए कहा करते थे कि कोई भी पिक्चर चलेगी या नहीं चलेगी.. उसकी टेंशन नहीं लेनी चाहिए। यह जिंदगी एक प्लेट की तरह है, जिसमें तुम्हारा और मेरा नाम लिख दिया गया है, जिसे अब कोई नहीं मिटा सकता है। इसके बारे में हमें ज्यादा सोचना नहीं चाहिए। बस यह देखना चाहिए कि आगे क्या करना है।
वहीदा रहमान ने देवानंद को ‘देव साहब’ का कर पुकारना शुरू किया था, जिस पर उन्होंने आपत्ति जताई थी। उसके बाद उन्होंने ‘मिस्टर आनंद’ कहा तो इस नाम को भी उन्होंने इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि मैं आपका सहकर्मी हूं, इसलिए आप मुझे ‘देव’ कहें तो ज्यादा बेहतर होगा।
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