[ad_1]
Canada Election Results 2025 Live Updates: कनाडा में एक बार फिर से लिबरल पार्टी ने जीत हासिल की है. कनाडा में सोमवार को हुए संघीय चुनाव में पीएम मार्क कार्नी के नेतृत्व में लिबरल पार्टी ने जीत हासिल की है. इस चुनावी प्रक्रिया में ट्रंप का टैरिफ वार और कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की धमकी छाया रहा. इस नतीजे के साथ ही लिबरल पार्टी के नेता और मौजूदा प्रधानमंत्री मार्क कार्नी अपने पद पर बने रहेंगे. साथ ही नई कैबिनेट के साथ नई सरकार बनाएंगे. अभी यह साफ नहीं है कि संसद में लिबरल पार्टी को बहुमत मिलेगा या नहीं. या फिर उन्हें दूसरी पार्टियों के साथ गठबंधन करना पड़ेगा. आइए समझते हैं कि आगे क्या होगा.
Canada Election Results 2025 Live Updates:
-प्रधानमंत्री मोदी ने मार्क जे कार्नी को कनाडा का प्रधानमंत्री चुने जाने पर और लिबरल पार्टी को उसकी जीत पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि भारत और कनाडा साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता से बंधे हैं. अपनी साझेदारी को मजबूत करने और अधिक अवसरों के लिए आपके साथ काम करने को उत्सुक हूं.
-कनाडा में बड़ी हार के बाद न्यू डेमाक्रेटिक पार्टी के चीफ जगमीत सिंह ने पार्टी नेतृत्व से इस्तीफा दे दिया है. कनाडा चुनाव में जगमीत सिंह की पार्टी की भी हार हुई और खुद भी अपनी सीट से जगमीत सिंह ने हार स्वीकार कर ली है.
-कनाडा चुनाव 2025 के नतीजे आने के साथ ही नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) 12 सीटें भी नहीं जीत पाई. इस हार के साथ ही पार्टी ने अपना राष्ट्रीय दर्जा खो दिया है. NDP ने 343 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन चुनाव परिणाम आने तक उसे सिर्फ़ आठ सीटों पर जीत मिली है.
-कनाडा चुनाव नतीजे 2025 लाइव अपडेट: खालिस्तानियों को कनाडा की जनता ने बड़ा झटका देने का मन बनाया है. जगमीत सिंह की पार्टी 12 सीटें जीतने में नाकाम होती दिख रही है. खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) अपनी पार्टी का दर्जा बचाने के लिए 12 सीटें जीतने में नाकाम रही. एनडीपी ने 343 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन वह केवल 8 सीटों पर आगे चल रही है.
-कनाडा चुनाव परिणाम 2025 लाइव अपडेट: माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मार्क कार्नी नेपियन में अपनी सीट जीत जाएंगे क्योंकि उनकी लिबरल पार्टी अगली सरकार बनाने की ओर अग्रसर है.
-लिबरल का चौका तय: ट्रेंड देखकर उम्मीद है कि कनाडा में लिबरल पार्टी सरकार बनाएगी. कुछ महीने पहले तक ये नतीजा अकल्पनीय था, जब जस्टिन ट्रूडो ने इस्तीफा दे दिया था. ट्रूडो के इस्तीफे और ट्रंप के कब्जे और टैरिफ की धमकियों ने राजनीतिक परिदृश्य को बदल कर रख दिया है.
-डोनाल्ड ट्रंप के कनाडा की अर्थव्यवस्था पर हमला बोलने और उसकी संप्रभुता को खतरा बताते हुए उसे अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की बात कहने तक लिबरल पार्टी की करारी हार तय लग रही थी. ट्रंप के इस रवैये ने कनाडा के लोगों को नाराज कर दिया और राष्ट्रवाद की भावना को भड़का दिया. इससे लिबरल पार्टी को चुनाव में फायदा हुआ और वो लगातार चौथी बार सत्ता में आने में कामयाब रही.
-कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन के मुताबिक, मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी ने कनाडा का आम चुनाव जीत लिया है. ट्रंप के हमलों और ट्रेड वार की वजह से लिबरल पार्टी की किस्मत अचानक बदल गई.
-कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन ने कहा कि लिबरल पार्टी को संसद की 343 सीटों में से कंजर्वेटिव पार्टी से अधिक सीटें मिलेंगी. अभी यह साफ नहीं है कि लिबरल पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलेगा या नहीं. अगर पूर्ण बहुमत मिलता है तो वो बिना किसी की मदद के कानून पास करा सकेंगे.
कनाडा के लोगों ने किसे वोट दिया?
कनाडा के लोगों ने हाउस ऑफ कॉमन्स के सभी 343 सदस्यों को वोट दिया. हर निर्वाचन क्षेत्र से एक सदस्य चुना जाता है. जीतने वाले उम्मीदवार वे थे जो सबसे अधिक वोट पाकर पहले नंबर पर रहे. चाहे उन्हें वोटों का बहुमत मिला हो या नहीं. किसी भी पार्टी को बहुमत के लिए संसद में 172 सीटें चाहिए होती हैं.
कनाडा को नया प्रधानमंत्री कब मिलेगा? प्रधानमंत्री का चुनाव सीधे तौर पर मतदाता नहीं करते हैं बल्कि संसद करती है. अब तक का इतिहास रहा है कि जिस पार्टी को हाउस ऑफ कॉमन्स में बहुमत मिलता है- चाहे वह अकेले मिले या फिर किसी दूसरी पार्टी के समर्थन से- वह सरकार बनाती है. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में ऐसा ही होगा.
सरकार बनाने वाली पार्टी का नेता नया प्रधानमंत्री होगा. इसके बाद प्रधानमंत्री को अपनी कैबिनेट चुननी होगी. फिलहाल लिबरल पार्टी के नेता कार्नी ही हैं. जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद 14 मार्च को उन्होंने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. अब सरकार के मुखिया के तौर पर उन्होंने पूरा कार्यकाल जीत लिया है.
नई सरकार के सामने क्या चुनौतियां होंगी? अगले प्रधानमंत्री और उनकी सरकार को देश के अंदर और बाहर दोनों तरफ चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. अगर बाहरी चुनौतियों की बात करें तो सबसे बड़ी चुनौती अमेरिका के साथ हाल में बिगड़े रिश्ते को संभालना होगा. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा पर भारी टैरिफ लगाने की धमकी दी थी और मांग की थी कि कनाडा अमेरिका का 51वां राज्य बन जाए.
अंदरूनी चुनौतियों की बात करें तो नई सरकार को खाने-पीने की चीजों और मकानों की बढ़ती कीमतों से निपटना होगा. इसके अलावा आप्रवासन में आई तेज़ी भी सरकार के लिए एक चुनौती होगी.
कार्नी का अनुभव क्या है? 60 साल के कार्नी एक अर्थशास्त्री हैं. उन्होंने अमेरिका और इंग्लैंड से शिक्षा हासिल की है. मार्च में ट्रूडो की जगह लेने से पहले तक उनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था. वे एक दशक से ज़्यादा समय तक गोल्डमैन सैक्स में एक्जीक्यूटिव रहे. इसके बाद 2003 में उन्होंने कनाडा के सेंट्रल बैंक में डिप्टी गवर्नर के तौर पर काम करना शुरू किया.
फिर 2008 से 2013 तक वे बैंक ऑफ कनाडा के हेड रहे. 2013 से 2020 तक उन्होंने बैंक ऑफ इंग्लैंड का नेतृत्व किया. अब जब मतदाताओं ने लिबरल पार्टी को जीत दिलाई है तो कार्नी कनाडा का नेतृत्व करेंगे.
[ad_2]
Source link