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20 मिनट पहले
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अमेरिकी विदेश मंत्रालय के डिप्टी स्पोक्सपर्सन वेदांत पटेल ने अरुणाचल प्रदेश पर बयान दिया।
अमेरिका ने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है। साथ ही कहा कि वो वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पार किसी भी इलाके पर दावे करने के प्रयासों का विरोध करता है।
अमेरिका ने यह बात चीन के बयान के बाद कही है। दरअसल, 9-10 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल का दौरा किया था। यहां 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी सेला टनल का इनॉगरेशन किया था। चीन ने 11 मार्च को इस दौरे का विरोध करते हुए अरुणाचल को अपना हिस्सा बताया था।

तस्वीर 9 मार्च की है, जब PM मोदी अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर गए थे। यहां उन्होंने सेला टनल का उद्घाटन किया था।
अमेरिका ने कहा- सैन्य घुसपैठ गलत
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के डिप्टी स्पोक्सपर्सन वेदांत पटेल ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा- अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारतीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देता है। यहां किसी भी तरह की घुसपैठ गलत है और हम वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पार सैन्य, नागरिक घुसपैठ या अतिक्रमण से किसी भी क्षेत्र पर होने वाले दावों के एकतरफा प्रयास का विरोध करते हैं।
चीन ने अरुणाचल को नया नाम दिया
चीन अरुणाचल प्रदेश को साउथ तिब्बत कहता है और इसका नाम जांगनान बताता है। 11 मार्च को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने अरुणाचल प्रदेश का नाम जांगनान बताया और कहा- यह चीनी क्षेत्र है। हमारी सरकार ने कभी भी गैर-कानूनी तरीके से बसाए गए अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी। हम आज भी इसका विरोध करते हैं। यह चीन का हिस्सा है और भारत मनमाने ढंग से यहां कुछ भी नहीं कर सकता है।
अरुणाचल प्रदेश की कई जगहों के नाम भी बदल चुका है चीन
चीन ने अप्रैल 2023 में अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम बदल दिए थे। चीन ने पिछले 5 साल में तीसरी बार ऐसा किया था। इसके पहले 2021 में चीन ने 15 जगहों और 2017 में 6 जगहों के नाम बदले थे।
इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था- हमारे सामने चीन की इस तरह की हरकतों की रिपोर्ट्स पहले भी आई हैं। हम इन नए नामों को सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का आतंरिक हिस्सा था, हिस्सा है और रहेगा। इस तरह से नाम बदलने से हकीकत नहीं बदलेगी।

चीन ने कहा था- भारत-चीन रिश्तों पर सीमा विवाद का असर नहीं
14 मार्च को वांग वेनबिन ने कहा था- भारत-चीन सीम विवाद दोनों देशों के बायलैटरल रिलेशन्स का प्रतिनिधित्व नहीं करता। हमें एक-दूसरे पर भरोसा करने की जरूरत है। इससे हमारे बीच गलतफहमी दूर होगी और हमारे रिश्ते मजबूत होंगे।
हालांकि, वांग ने मोदी के अरुणाचल दौरे पर कहा था- भारत जो कर रहा है उससे सीमा को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद और बढ़ सकता है। हम PM मोदी के पूर्वी क्षेत्र में किए गए इस दौरे के खिलाफ हैं। हमने भारत से भी अपना विरोध जताया है।
भारत बोला- अरुणाचल हमारा हिस्सा था, है और रहेगा
चीन के बयान पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा था- PM मोदी समय-समय पर राज्यों का दौरा करते रहते हैं। ऐसे दौरों या विकास योजनाओं का विरोध नहीं किया जा सकता। अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का हिस्सा था, है और रहेगा। हम चीन के सामने यह बात पहले भी कई बार रख चुके हैं।
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