Haryana Majdur Rs 200 Crores Mystery; UP Vs Haryana Police | हरियाणा पुलिस बोली- अकाउंट में सिर्फ 28 हजार रुपए; बैंक ने लिमिट फ्रीज की

चरखी दादरी3 घंटे पहले

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चरखी दादरी के मजदूर विक्रम के खाते में 200 करोड़ रुपए आने का दावा किया गया था।

हरियाणा में चरखी दादरी के मजदूर के खाते में 200 करोड़ जमा होने का दावा झूठा निकला। चरखीदादरी में बाढड़ा थाने की पुलिस ने जांच के बाद कहा कि खाते में सिर्फ 28 हजार रुपए जमा हैं। असल में बैंक ने मजदूर के खाते में 200 करोड़ तक की ट्रांजैक्शन को फ्रीज किया था। उसके खाते में इतनी रकम नहीं है।

इस बारे में ASI विशाल कुमार ने कहा- ” एक हफ्ते पहले बेरला के विक्रम ने कंप्लेंट की थी कि मेरे खाते से ट्रांजैक्शन हुई है। उससे कोई फ्रॉड हुआ है। हमने यस बैंक से खाते की स्टेटमेंट निकलवाई। UP पुलिस ने विक्रम के नाम से खुले खाते को फ्रीज करवा रखा है। इस खाते से फ्रॉड हुआ है। हमने खाते की जांच की है और उसमें 28 हजार 205 रुपए हैं। बैंक के खाते की लिमिट 200 करोड़ तक फ्रीज की है।”

मजदूर विक्रम के घर यूपी पुलिस के आने के बाद से परिवार के लोग टेंशन में हैं। विक्रम के चाचा के लड़के प्रदीप ने पूरे मामले की जानकारी दी थी।

मजदूर विक्रम के घर यूपी पुलिस के आने के बाद से परिवार के लोग टेंशन में हैं। विक्रम के चाचा के लड़के प्रदीप ने पूरे मामले की जानकारी दी थी।

पढ़िए कैसे बनी खाते में 200 करोड़ की कहानी

UP पुलिस ने मजदूर के घर रेड की तो पता चला
मजदूर के घर 2 सितंबर को UP पुलिस ने रेड की। पुलिस ने मजदूर विक्रम को बताया कि उत्तर प्रदेश के जालौन निवासी संजय सोनी ज्वेलर हैं। उन्होंने UP पुलिस को शिकायत दर्ज कराई कि फरवरी में उनकी किसी से बात हुई थी। उससे अंगूठी खरीदने को लेकर सौदा हुआ। इसके बाद एक बैंक खाते में 60 हजार रुपए डलवा लिए गए। हालांकि उन्हें अंगूठी नहीं भेजी गई। मोबाइल नंबर से फ्रॉड करने की शिकायत पुलिस को दर्ज करा दी।

बैंक अकाउंट के रिकॉर्ड से विक्रम के नाम पर खाते का पता चला
ज्वेलर संजय सोनी की शिकायत के बाद UP पुलिस ने बैंक अकाउंट की जांच की। जिसमें बैंक से रिकॉर्ड निकलवाने पर पता चला कि वह आधार कार्ड पर खोला गया है। यह आधार कार्ड मजदूर विक्रम का है। उसमें दिए एड्रेस के आधार पर UP पुलिस यहां पूछताछ करने पहुंची। मजदूर विक्रम का कहना है कि पटौदी की एक कंपनी ने उसे नौकरी पर रख खाता खुलवाने के लिए डॉक्यूमेंट लिए थे। हालांकि बाद में उसे कहा कि खाता रद्द हो गया। उसे शक है कि यही वह खाता है।

मजदूर ने इसलिए 200 करोड़ का दावा किया
मजदूर विक्रम का कहना था कि उसे बैंक अकाउंट के बारे में कुछ पता नहीं था। 2 सितंबर को जब यूपी पुलिस आई तो उसने उनसे अकाउंट नंबर ले लिया। इसके बाद वह बैंक गए। जिसके बाद फोन पर भी पता किया। इसके बाद उन्हें पता चला कि इस खाते में करोड़ों रुपए हैं।

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