I swore on the Quran that I will not leave you. | 4 साल के बच्चे का सिर फोड़ा, फिर चाकू से आंख फोड़ी; परिवार चाहता है ताउम्र जेल में रहे

एक घंटा पहलेलेखक: राजेश साहू

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दो महिलाओं में विवाद हुआ। विवाद की वजह दोनों के छोटे बच्चों में झगड़ा था। एक महिला ने कहा कि कुरान की कसम खाती हूं, 8 दिन के अंदर तेरे बेटे को मार दूंगी। दूसरी महिला को यह बात झगड़े का एक हिस्सा भर लगी। लेकिन उस महिला ने जैसे ठान लिया हो। दो दिन ही बीते। उसने बाहर खेल रहे बच्चे को पकड़ लिया। घर के अंदर ले गई। पहले हथौड़े से सिर पर प्रहार किया। इसके बाद चाकू से आंखें फोड़ दीं। बच्चा मर गया, तो उसे कमरे के एक हिस्से में छिपा दिया। जैसे ही शाम हुई, पीछे तालाब में फेंक दिया।

खौफनाक हत्या का यह मामला कानपुर देहात का है। दैनिक भास्कर की टीम इस हत्याकांड के बाद गांव पहुंची। उस मां से बात की, जिसके इकलौते बेटे की निर्मम हत्या कर दी गई। आरोपी के घर पहुंची, जिसके घर के सामने बच्चे को दफन किया गया। आइए इस पूरे मामले को एक तरफ से जानते हैं…

छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा यहां रोज की बात थी
कानपुर देहात में रसूलाबाद थाने के अंतर्गत मकरंदपुर कहिंजरी गांव है। गांव के एक किनारे मुस्लिम बस्ती है। इसमें करीब 400 लोग रहते हैं। ज्यादातर मजदूरी या फिर फेरी लगाने जैसा काम करके अपना परिवार पाल रहे हैं। यहीं इरफान और साजरा अपने तीन बच्चों के साथ रहते हैं। करीब 4 साल पहले एक मिल में काम करते हुए इरफान का बायां हाथ मशीन की चपेट में आ गया और हथेली कट गई। कुछ महीने बाद इरफान की हालत तो ठीक हो गई, लेकिन उन्हें काम मिलना बंद हो गया, क्योंकि वह बाएं हाथ से कोई काम नहीं कर पाते थे।

इरफान को यहां काम नहीं मिला, तो साजरा के पिता ने उन्हें हैदराबाद बुला लिया।

इरफान को यहां काम नहीं मिला, तो साजरा के पिता ने उन्हें हैदराबाद बुला लिया।

वक्त बीतने के साथ आर्थिक स्थिति खराब होने लगी, तो इरफान के ससुर ने उन्हें हैदराबाद बुला लिया। इरफान यहीं उनके साथ रहकर छोटे-मोटे काम करते और जो पैसा मिलता उसे अपनी पत्नी साजरा को घर भेज देते थे। इधर साजरा को भी जहां काम मिलता, वह करके कुछ पैसे कमा लेती थी। इससे परिवार का खर्च चल जाता था।

मोहल्ले में महिलाओं के बीच अक्सर छोटी-छोटी बातों को लेकर विवाद हो जाता था। इस विवाद में रेहाना सबसे आगे रहती थी। वह अक्सर दूसरी महिलाओं से झगड़ा करने लगती थी। उसके इस झगड़ालू स्वभाव का असर उसके तीन बच्चों पर भी पड़ा। वह भी अक्सर अपनी उम्र के बच्चों के साथ झगड़ा करने लग जाते थे। रेहाना रोकने के बजाय उसके बच्चों के साथ जो झगड़ा करता, उसे ही पीट देती थी। इससे उसका आसपास की करीब 10 महिलाओं से विवाद हो चुका है।

कुरान की कसम खाकर बच्चे को मारने की धमकी दी
13 सितंबर को साजरा की 5 साल की बेटी पास के ही किराने की दुकान से सामान लेने गई थी। तभी रेहाना के 12 साल के बेटे ने उसे मार दिया। वह रोते हुए अपने घर आई और मां को पूरी बात बता दी। साजरा बेटी की शिकायत लेकर रेहाना के पास पहुंची, तो वह उखड़ गई। कहने लगी, क्या मेरे बेटे ने तुम्हारी बेटी का रेप किया है? रेप किया होता, तब आती।” इस बात पर साजरा ने भी तेज आवाज में जवाब दे दिया।

  • रेहाना ने कहा, “मैं अल्लाह और कुरान की कसम खाती हूं, अगले 8 दिन में तुम्हारे बेटे जान से मार दूंगी।” रेहाना की इस धमकी को साजरा ने हल्के में लिया। उसे एक बार भी नहीं लगा कि यह बात हकीकत भी हो सकती है।
रेहाना की यही फोटो हमारे पास है, जो गिरफ्तारी के बाद की है।

रेहाना की यही फोटो हमारे पास है, जो गिरफ्तारी के बाद की है।

15 सितंबर। यानी धमकी के दो दिन बाद। 4 साल का कादिर दोपहर करीब 2 बजे घर के बाहर खेल रहा था। रेहाना ने उसे अपने पास बुलाया और घर के अंदर लेकर चली गई। इसके बाद उसने हथौड़ा निकाला और कादिर के सिर पर जोर से प्रहार किया। कादिर गिरकर तड़पने लगा। रेहाना ने हथौड़े से एक के बाद एक कई प्रहार सिर पर किए। इसके बाद उसने चाकू उठाया और कादिर के ऊपर ताबड़तोड़ प्रहार किया। उसकी आंखें फोड़ दीं।

जब रेहाना को लग गया कि कादिर की जान जा चुकी है, तो उसने उसे कमरे में रखे बॉक्स के पीछे छिपा दिया और शाम होने का इंतजार करने लगी। दूसरी तरफ, करीब एक घंटे बाद साजरा अपने बच्चे को खोजने लगी। आसपास के लोगों को बताया। सभी गांव-खेत-चौराहों पर बच्चे को ढूंढना शुरू कर दिया। सायरा रेहाना के पास पहुंची। उससे बच्चे को बारे में पूछा। उसने ‘न’ में सिर हिला दिया। सायरा को शक था, इसलिए वह कुछ लोगों को लेकर रसूलाबाद थाने पहुंच गई।

यह आरोपी के घर का पिछला हिस्सा है। शाम होते ही रेहाना ने लाश को पीछे तालाब में फेंक दिया।

यह आरोपी के घर का पिछला हिस्सा है। शाम होते ही रेहाना ने लाश को पीछे तालाब में फेंक दिया।

शाम हो गई। रेहाना ने कादिर को उठाया और हड़बड़ाहट में घर के पीछे तालाब में फेंककर भाग आई। खून से सना कपड़ा बदला और बुर्का पहनकर कहीं निकल गई। उसके जाते ही लोगों ने तालाब में बच्चे को खोजना शुरू किया। कुछ देर बाद रेहाना के ही घर के पीछे कादिर तालाब में मिल गया। उसकी मौत की खबर लगते ही चीख-पुकार मच गई। इकलौते बेटे की मौत से साजरा का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। मौत की खबर सुनते ही इरफान भी हैदराबाद से रवाना हो गए।

हथौड़े से सिर पर मारा, फिर चाकू से आंखें फोड़ दीं
साजरा की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया और जांच शुरू की। रेहाना पर शक जरूर था, लेकिन सबूत नहीं थे। डॉग स्क्वायड की टीम आई। फोरेंसिक टीम ने खून के छींटों से जांच शुरू की। रेहाना को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की। पहले तो उसने इधर-उधर के जवाब दिए, लेकिन जब कड़ाई की गई तो उसने हत्या की बात कबूल कर ली। घर के अंदर खून के छींटें, हत्या में इस्तेमाल हथौड़ा और चाकू बरामद कर लिया गया।

साजरा कहती हैं, “जब उसने बेटे की हत्या की बात कही थी, तो हमें नहीं लगा था कि मेरे बच्चे को मार देगी। उसके भी तो तीन बच्चे हैं। लेकिन उसने मेरे इकलौते बेटे को मार दिया। बहुत तड़पा-तड़पा कर मारा। उसका पूरा सिर हथौड़ी और चाकू से काट दिया। उसकी आंख फोड़ दी थी। हमारी तो कोई बहुत भारी लड़ाई भी नहीं थी। लेकिन उसने मेरा वंश खत्म कर दिया। अब तो मुझे बच्चे भी नहीं होंगे।”

इरफान कहते हैं, “मैंने घटना से एक दिन पहले फोन किया था। तब लल्ला ने कहा था कि पापा हमारे लिए साइकिल लेकर आना। हमने उसे कहा था कि तुम्हारे नाना पैसा देंगे, तो हम लेकर आएंगे। अगले दिन जब मैंने फोन किया, तब साजरा ने बताया कि लल्ला मिल नहीं रहा। हमें लगा कहीं आसपास होगा, लेकिन बाद में पता चला कि उसे मार दिया है। हमारा तो रेहाना या फिर उसके पति से कोई विवाद भी नहीं था, लेकिन उसने मार दिया।”

इन सबके बीच हमने कादिर की 6 साल की बहन से पूछा, “तुम्हारा भाई कहां है?” बच्ची के मुंह से जवाब ही नहीं निकला। वह रोने लगी। किसी तरह से चुप करवाया। बच्ची रोज अपने भाई को लेकर पास के ही आंगनबाड़ी में जाती थी। अब वह एकदम अकेली हो गई है।

महिला साइको है, 10 महिलाओं से झगड़ा था
रेहाना और उसके परिवार को लेकर इरफान के चाचा रजाउद्दीन बताते हैं, “वह महिला साइको है। बात-बात पर गालियां देना, लोगों से झगड़ा करना उसकी आदत हो गई थी। उसके बच्चे मेरी बूढ़ी मां को पत्थर मार देते थे, लेकिन वह उन्हें रोकने के बजाय हमारे ही परिवार से झगड़ने लग जाती। वह आए दिन कुरान की कसम खाया करती थी कि हमारी तरफ बच्चा आया तो मैं मार दूंगी। अगर हम नहीं होते, तो यहां तो वह बहुत सारे बच्चों को तालाब के कछुओं को खिला देती।”

फिलहाल, पुलिस ने रेहाना को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। कादिर के शव को गांव ही आरोपी महिला के घर से करीब 30 मीटर दूर सामने ही दफनाया गया है। एक मामूली विवाद के चलते एक मां की कोख सूनी हो गई। एक विकलांग पिता का सहारा छिन गया। वह चाहते हैं कि रेहाना को ताउम्र जेल में रहने की सजा मिले।

  • आखिर में आप इस मामले की टाइम लाइन देखिए…

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