जम्मू:श्रीनगर में 20 वर्ष बाद गणेश चतुर्थी पर मूर्ति विसर्जन, कश्मीरी पंडितों ने की शांति और खुशहाली की कामना – Idol Immersion On Ganesh Chaturthi After 20 Years In Srinagar

Idol immersion on Ganesh Chaturthi after 20 years in Srinagar

गणेश प्रतिमा विसर्जन
– फोटो : अमर उजाला

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गणेश चतुर्थी पर इस बार हब्बा कदल स्थित सिद्धिविनायक मंदिर गणपत्यार में भी धार्मिक आयोजन हुए, जिसमें कश्मीरी पंडितों ने उत्साह के साथ भाग लिया। उन्होंने पूजा-अर्चना कर शांति और खुशहाली के लिए प्रार्थना भी की। करीब 20 वर्षों के बाद वितस्ता नदी(झेलम) में गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन भी किया गया।

कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजय टिकू ने कहा कि कश्मीर में वह तीन दिन पहले मूर्ति की स्थापना करते हैं। यहां सिद्धिविनायक मंदिर गणपत्यार में हवन भी करते हैं। इस बार पुणे से कुछ लोगों ने विसर्जन के लिए अपील भी की थी। इस पर उनसे मूर्ति भेजने के लिए कहा था। ऐसा आयोजन 20 वर्षों के बाद यहां किया गया।

पीडीपी के नेता और कश्मीरी पंडित मोहित भान ने कहा कि वह गणेश चतुर्थी को कश्मीरी में विनायक चोरम नाम से जानते हैं। इसे देश के अन्य हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। 16 तारीख से पूजा-अर्चना शुरू हुई थी।

इसके बाद विसर्जन किया गया। यह कहीं 10 का होता है, तो कहीं 11 दिन का भी होता है। लेकिन कश्मीरी पंडित तीन दिन पहले स्थापना करते हैं। काफी समय बाद हमने शिकारे से मूर्ति को ले जाकर वितस्ता नदी में विसर्जन किया। इस मौके पर कश्मीर में अमन-शांति के लिए प्रार्थना भी की।

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