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2 घंटे पहले
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तस्वीर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की है। (फाइल)
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा है कि वो इजराइल के साथ रिश्ते सामान्य करने के बेहद करीब हैं। फॉक्स न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में MBS ने कहा- अगर ईरान परमाणु हथियार हासिल करता है तो सऊदी भी अपनी सुरक्षा के लिए ऐसा करने से पीछे नहीं हटेगा।
क्राउन प्रिंस ने उन रिपोर्ट्स को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि फिलिस्तीन के मुद्दे को लेकर सऊदी अरब ने इजराइल के साथ रिश्ते सुधारने की बातचीत को रोक दिया है। हालांकि, MBS ने कहा- हमारे लिए ये मुद्दा बेहद अहम है। इस मसले को सुलझाना बहुत जरूरी है, जिससे फिलिस्तीनियों का जीवन आसान हो सके।
सऊदी के मैप में इजराइल को जगह नहीं
सऊदी अरब ने हाल ही में एक नया मैप जारी किया था। इसमें इजराइल को कोई जगह नहीं दी गई थी। इजराइल इस नक्शे में फिलिस्तीन का हिस्सा बताया गया था। सऊदी सरकार के एक अफसर ने कहा था- हमने वही जानकारी दी है जो हमारे देश और सरकार का रुख है। इसके जरिए ही हम अपनी स्ट्रैटेजी और प्लानिंग को अंजाम देंगे।

G-20 समिट के दौरान सऊदी क्राउन प्रिंस और बाइडेन गर्मजोशी से मिले थे। पिछले साल दोनों ने जेद्दाह में हाथ मिलाने से भी परहेज किया था। यह तस्वीर पिछले साल की ही है।
अमेरिकी NSA अचानक सऊदी गए थे
27 जुलाई को वॉशिंगटन पोस्ट ने एक रिपोर्ट में बताया था कि अमेरिकी NSA जैक सुलिवन अचानक सऊदी अरब पहुंचे हैं। उन्होंने राजधानी रियाद में सऊदी क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान (MBS) से मुलाकात की है। दोनों के बीच चार राउंड बातचीत हुई। इस मीटिंग में सऊदी के तमाम टॉप ऑफिशियल्स भी मौजूद थे।
अमेरिकी न्यूज वेबसाइट एक्सिओस के मुताबिक- इस मीटिंग का सिर्फ एक एजेंडा था कि सऊदी अरब को अब्राहम अकॉर्ड में शामिल किया जाए। इसी अकॉर्ड के तहत UAE और बहरीन समेत चार गल्फ कंट्रीज ने इजराइल को मान्यता दी थी और अब इन देशों को इजराइल की तरफ से बेहतरीन टेक्नोलॉजी और हथियार तक मिल रहे हैं। इजराइल और इन देशों के बीच ट्रेड रिलेशन भी काफी मजबूत हुए हैं।
बहरहाल, मोसाद चीफ और अमेरिकी NSA की मीटिंग में बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन के मिडिल ईस्ट ऐंबैस्डर ब्रेट मैक्गुर्क और दूसरे तमाम आला अफसर मौजूद थे। बाद में CIA चीफ विलियम बर्न्स भी इस मीटिंग में शामिल हुए।
बाद में व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा- हम चाहते हैं कि सऊदी अरब इजराइल को मान्यता दे। इसके लिए हर मुमकिन कोशिश जारी है। प्रेसिडेंट बाइडेन भी यही बात कह चुके हैं। इजराइल के लिए सऊदी और सऊदी के लिए इजराइल अब जरूरी हो चुके हैं।

सितंबर 2020 में अमेरिका ने अब्राहम अकॉर्ड कराया था। उस वक्त डोनाल्ड ट्रम्प प्रेसिडेंट थे। UAE और बहरीन समेत चार अरब देशों ने इजराइल को मान्यता दी थी। (फाइल)
अब्राहम अकॉर्ड पर एक नजर
- अमेरिकी फॉरेन सेक्रेटरी ने भरोसा दिलाया था कि इजराइल और सऊदी के डिप्लोमैटिक रिलेशन शुरू कराने के प्रोसेस में फिलिस्तीन के मुद्दों और हितों को ध्यान में रखा जाएगा। इजराइल-सऊदी मामलों के एक्सपर्ट सलाम सेजवानी ने कहा- सितंबर 2020 में अमेरिका ने अब्राहम अकॉर्ड कराया था। ये बहुत बड़ी कामयाबी थी।
- अब्राहम अकॉर्ड के वक्त डोनाल्ड ट्रम्प प्रेसिडेंट थे। उस वक्त UAE, बहरीन, मोरक्को और सूडान ने इजराइल को मान्यता दी। आज इजराइल और UAE के बीच डिफेंस और ट्रेड रिलेशन बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं।
- अमेरिका चाहता है कि I2U2 ग्रुप में सऊदी अरब भी शामिल हो। फिलहाल, इस ग्रुप में US, UAE, इजराइल और इंडिया हैं। इन्हीं देशों के नाम का पहला अल्फाबेट लेकर ग्रुप का नाम बना है।
- पिछले दिनों इजराइल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने कहा था- बहुत मुमकिन है कि 6 महीने में इजराइल और सऊदी अरब के डिप्लोमैटिक रिलेशन बहाल हो जाएं। इसके बाद खबर आई कि इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में दो बार सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) से बातचीत की है।
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