Maldives, India To Withdraw Military Presence, Kiren Rijiju, Mohamed Muizzu, Maldives president | राष्ट्रपति मुइज्जू ने शपथ के बाद रिजिजू से मांग की, वे बधाई देने पहुंचे थे; ये वहां चुनावी मुद्दा था

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2 घंटे पहले

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शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुहम्मद मुइज्जू से मिलते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू।

मालदीव में 17 नवंबर को मोहम्मद मुइज्जू के नेतृत्व में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हुआ। समारोह में पहुंचे भारत सरकार के मंत्री किरेन रिजिजू से पहली मुलाकात में मालदीव से भारतीय सैनिकों को निकालने की मांग की। इसकी जानकारी खुद मोहम्मद मुइज्जू के ऑफिस ने दी है।

दरअसल, मालदीव में भारत के लगभग 70 सैनिक तैनात हैं, जो समुद्री पोत और रडार के जरिए मालदीव के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन की सुरक्षा करते हैं। मुइज्जू ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया था। उन्होंने कहा था- मालदीव में कोई विदेशी सैनिक नहीं होंगे। मालदीव छोटा सा देश है, हम दबदबे की राजनीति में नहीं फंसना चाहते हैं।

मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी को निमंत्रण भेजा था। उनकी जगह केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू कार्यक्रम में शामिल हुए।

17 नवंबर को राष्ट्रपति पद की शपथ लेते हुए मुहम्मद मुइज्जू।

17 नवंबर को राष्ट्रपति पद की शपथ लेते हुए मुहम्मद मुइज्जू।

पहले ही भाषण में नाम लिए बिना भारत को चेतावनी
शपथ ग्रहण के बाद अपने पहले भाषण में मुइज्जू ने कहा था कि जहां तक सुरक्षा से जुड़े मुद्दे हैं मालदीव अपनी रेड लाइन बना रखी है। हम किसी देश को ये लाइन पार नहीं करने देंगे। न ही खुद किसी दूसरी देश की लाइन को क्रॉस करेंगे।

उन्होंने कहा था- मालदीव एक हथियार की तरह कूटनीति का इस्तेमाल करेगा और ये सुनिश्चित करेगा कि मालदीव की जमीन पर विदेशी सेना किसी तरह मौजूद न हो। मैं आपसे कह सकता हूं कि मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान यही होगा कि मैं अपने देश के प्रति वफादार रहूं।

मालदीव में 2 साल पहले शुरू हुआ ‘इंडिया आउट’ कैम्पेन
2018 की बात है। चीन के करीबी और PPM के नेता राष्ट्रपति अब्दुल्लाह यामीन राष्ट्रपति चुनाव हार जाते हैं। बाद में उन्हें हवालेबाजी और एक अरब डॉलर के सरकारी धन का दुरुपयोग करने का दोषी पाया गया। 2019 में यामीन को पांच साल की सजा हुई। नए राष्ट्रपति बने इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, जो ‘इंडिया फर्स्ट’ की पॉलिसी पर चलते थे।

कोरोना के चलते यामीन की जेल की सजा को नजरबंदी में बदल दिया गया। नवंबर 2021 में यामीन के खिलाफ लगे सारे आरोप खारिज कर दिए गए और 30 नवंबर को रिहा कर दिया गया। इसके बाद उनका दोबारा राजनीति में आने का रास्ता भी साफ हो गया। इसके बाद वह चुनाव प्रचार में जुट गए और अक्सर अपने भाषणों में लोगों से अपील करने लगे कि अपने घरों की दीवारों पर ‘इंडिया आउट’ लिखें।

2023 के राष्ट्रपति चुनाव में मोहम्मद सोलिह के खिलाफ मोहम्मद मुइज्जू ने दावेदारी पेश की। उन्होंने मालदीव में कथित भारतीय सेना की उपस्थिति के खिलाफ ‘इंडिया आउट’ का नारा दिया था और इसे लेकर कई विरोध प्रदर्शन भी आयोजित किए। यह अभियान इस बात पर आधारित था कि भारतीय सैनिकों की मौजूदगी मालदीव की संप्रभुता के लिए खतरा है।

पिछले महीने हुए मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव में में प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव यानी PPM के नेता मोहम्मद मुइज्जू की जीत हुई। PPM गठबंधन को चीन के साथ करीबी रिश्तों के लिए जाना जाता है। मुइज्जू की जीत के साथ ही ये अटकलें तेज हो गईं कि अब तक मौजूदा राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह की ‘इंडिया फर्स्ट’ पॉलिसी वाले मालदीव का रुख बदल जाएगा और ये भारत के लिए परेशानी बन सकता है।

मालदीव में चीन समर्थक सरकार का बनना भारत के लिए चिंता की बात क्यों है?
चीन के लिए मालदीव सामरिक रूप से काफी अहम है। मालदीव रणनीतिक रूप से जिस समुद्र में बसा है वो काफी अहम है। चीन की मालदीव में मौजूदगी हिंद महासागर में उसकी रणनीति का हिस्सा है। 2016 में मालदीव ने चीनी कंपनी को एक द्वीप 50 सालों की लीज पर महज 40 लाख डॉलर में दे दिया था।

भारत के लिए भी मालदीव कम महत्वपूर्ण नहीं है। मालदीव भारत के बिल्कुल पास में है और वहां चीन पैर जमाता है तो भारत के लिए चिंतित होना लाजमी है। भारत के लक्षद्वीप से मालदीव करीब 700 किलोमीटर दूर है और भारत के मुख्य भूभाग से 1200 किलोमीटर।

विपरीत हालात में मालदीव से चीन का भारत पर नजर रखना आसान होगा। मालदीव ने चीन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट किया है। यह भी भारत के लिए हैरान करने वाला कदम था। इससे साफ है कि मालदीव भारत से कितना दूर हुआ है और चीन के कितना करीब आ गया है।

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