Israel Hamas War | गाजा शहर में तबाही का भयावह मंजर, बुनियादी चीजों की कमी से जूझ रहे लोग

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गाजा पट्टी :  इजराइल और हमास ( Israel Hamas War) में जारी संघर्ष के बीच गाजा में चिकित्सकों ने रविवार को आगाह किया कि घायलों की बढ़ती संख्या से जूझ रहे अस्पतालों में ईंधन, दवा एवं अन्य बुनियादी चीजों की आपूर्ति में गंभीर कमी के कारण हजारों मरीजों की मौत हो सकती है। हमास के घातक हमले के बाद छिड़े युद्ध में जमीनी स्तर पर इजराइल के संभावित हमले से पहले तटीय इलाके में घिरे फलस्तीनियों को भोजन, पानी और सुरक्षित स्थान की तलाश के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। पिछले सप्ताह हमास के अप्रत्याशित हमले के बाद इजराइल ने पूरे गाजा क्षेत्र की घेराबंदी कर दी है और उत्तरी इलाकों को खाली कर फलस्तीनियों को दक्षिण की ओर जाने का आदेश दिया है।  

इस क्षेत्र में अमेरिकी युद्धपोतों की तैनाती बढ़ने के साथ इजराइली सेना गाजा की सीमा पर लामबंद हो चुकी है। इजराइल ने कहा है कि वह चरमपंथी समूह हमास को खत्म करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाएगा।

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गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि लड़ाई शुरू होने के बाद से 2,670 फलस्तीनी मारे गए हैं और 9,600 लोग घायल हो गए हैं। यह संख्या 2014 में इजराइल-गाजा के बीच छिड़े युद्ध से भी अधिक है जो छह सप्ताह से अधिक समय तक चला था। यह पांच गाजा युद्धों में से दोनों पक्षों के लिए सबसे घातक युद्ध बन गया है।   

इस बार के संघर्ष में 1,400 से अधिक इजराइली मारे गए हैं, जिनमें से अधिकतर नागरिक हमास के 7 अक्टूबर के हमले में मारे गए थे। इजराइल के अनुसार, हमास ने बच्चों सहित करीब 150 लोगों को बंधक बना लिया और उन्हें गाजा ले गए। यह 1973 में मिस्र और सीरिया के साथ हुए संघर्ष के बाद से इजराइल के लिए सबसे घातक युद्ध है।  

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बताया कि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इजराइल-हमास युद्ध के एक व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष में तब्दील होने से रोकने के उद्देश्य से छह अरब देशों की यात्रा पूरी करने के बाद सोमवार को दोबारा इजराइल जायेंगे। पिछले पांच दिनों में यह उनकी दूसरी यात्रा होगी।   

अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन भी इजराइल की यात्रा करने पर विचार कर रहे हैं, लेकिन इस संबंध में किसी योजना को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। लेबनान के साथ लगती इजराइल की सीमा पर लड़ाई रविवार को उस समय और तेज हो गई जब हिजबुल्ला चरमपंथियों ने रॉकेट दागे और एक टैंक रोधी मिसाइल दागी तथा इजराइल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए हवाई हमलों किए और गोलाबारी की। इजराइली सेना ने अपनी एक सीमा चौकी पर गोलीबारी की सूचना दी। लड़ाई में इजराइली पक्ष के कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई और सीमा के दोनों ओर कई लोग घायल हो गए।   

इजराइली सैन्य प्रवक्ता जोनाथन कॉनरिकस के अनुसार, लड़ाई में हमास के कई अधिकारी मारे गए हैं, जबकि गाजा के दक्षिण और लेबनान के साथ उत्तरी सीमा के बीच विभाजित इजराइल में लगभग 3,60,000 आरक्षित सैनिकों को बुलाया गया है।

 

कॉनरिकस ने संवाददाताओं से कहा कि इजराइली सेना ने ‘ब्लू लाइन’ के नाम से जानी जाने वाली सीमा पर हिजबुल्ला के ठिकानों पर हमला किया और कुछ ठिकानों को नष्ट कर दिया। हिजबुल्ला ने एक बयान में कहा कि उसने इजराइली गोलाबारी के जवाब में उत्तरी सीमावर्ती शहर श्तुला में इजराइली सैन्य ठिकाने की ओर रॉकेट दागे। इजराइल के हमलों में रॉयटर्स के वीडियोग्राफर इस्साम अब्दुल्ला की शुक्रवार को और दो लेबनानी नागरिकों की शनिवार को मौत हो गई थी।  

हिजबुल्ला की प्रवक्ता राणा साहिली ने कहा कि बढ़ी लड़ाई एक ‘‘चेतावनी” है और इसका मतलब यह नहीं है कि हिजबुल्ला ने युद्ध में प्रवेश करने का फैसला किया है। संयुक्त राष्ट्र और सहायता समूहों ने कहा है कि तेजी से पलायन और 40 किलोमीटर लंबे तटीय क्षेत्र की इजराइल द्वारा पूरी घेराबंदी के कारण भीषण मानवीय संकट पैदा होगा।  संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, गाजा का एकमात्र बिजली संयंत्र ईंधन की कमी के कारण पूरी तरह से बंद हो गया है। गाजा के अस्पतालों में जल्द ही जनरेटर का ईंधन खत्म होने की आशंका है, जिससे हजारों मरीजों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा।  

खान यूनिस में नासिर अस्पताल में गहन देखभाल कक्ष (आईसीयू) घायल मरीजों से भरे हुए हैं, जिनमें से ज्यादातर तीन साल से कम उम्र के बच्चे हैं। ‘क्रिटिकल केयर कॉम्प्लेक्स’ के सलाहकार डॉ. मोहम्मद कंदील ने कहा कि विस्फोट से गंभीर रूप से घायल सैकड़ों लोग अस्पताल आए हैं, जहां सोमवार तक ईंधन खत्म होने की आशंका है।

 उन्होंने कहा कि आईसीयू में 35 मरीज वेंटिलेटर पर हैं और अन्य 60 डायलिसिस पर हैं। कंदील ने कहा, ‘‘अगर ईंधन खत्म हो जाता है, तो इसका मतलब है कि पूरी स्वास्थ्य प्रणाली ठप हो जाएगी, सेवाएं बंद हो जाएंगी।”  उन्होंने कहा, ‘‘हम एक आपदा, एक और युद्ध अपराध, एक ऐतिहासिक त्रासदी की तरफ बढ़ रहे हैं। अगर बिजली आपूर्ति ठप हुई, तो इन सभी मरीजों की मौत का खतरा है।”  

उत्तरी गाजा पट्टी के कमाल अलवान अस्पताल में बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ. हुसाम अबू सफिया ने कहा कि इजराइल के आदेश के बावजूद अस्पताल को खाली नहीं किया गया क्योंकि मरीजों को कहीं और ले जाने का कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि आईसीयू में सात नवजात शिशु वेंटिलेटर पर हैं। सफिया ने कहा कि घायल मरीज कटे हुए अंगों, गंभीर चोट की हालत में आ रहे हैं।  

इजराइल की घेराबंदी के कारण पानी और चिकित्सा आपूर्ति की किल्लत के कारण गाजा पहले से ही मानवीय संकट में है। निवासियों ने कहा कि कुछ बेकरी बंद होने से वे ब्रेड खरीदने में भी असमर्थ हैं।  

 

गाजा शहर के सबसे बड़े अस्पताल अल शिफा अस्पताल ने कहा कि उसके मुर्दाघर में काफी ज्यादा शव हो जाने के कारण आपातकालीन उपाय के तौर पर वह 100 शवों को सामूहिक तौर पर दफनाएगा। अस्पताल ने कहा कि शव को दफनाने में उनके रिश्तेदार असमर्थ हैं, इसलिए यह कदम उठाया जा रहा। इजराइल की जमीनी सेना की संभावित कार्रवाई से पूर्व गाजा पट्टी के मुख्य अस्पताल अल शिफा अस्पताल के मैदान में हजारों लोग शरण के लिए एकत्र हो गए हैं।

 स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी डॉ. मेधात अब्बास ने कहा, ‘‘लोगों को लगता है कि उनके घर नष्ट हो जाने और उन्हें भागने के लिए मजबूर होने के बाद यह एकमात्र सुरक्षित स्थान है। गाजा शहर तबाही का भयावह मंजर है।” इजराइल की सेना ने 10 लाख से ज्यादा फलस्तीनियों को उत्तरी गाजा को खाली करने का आदेश दिया। सेना ने कहा है कि वह उत्तर में हमास आतंकवादियों के खिलाफ एक बड़े अभियान से पहले नागरिकों को हटाने की कोशिश कर रही है। इजराइली सेना के मुताबिक, उत्तर में चरमपंथियों के व्यापक भूमिगत ठिकाने, बंकर और रॉकेट लॉन्चर हैं।  हमास ने लोगों से अपने घरों में रहने का आग्रह किया। वहीं, इजराइली सेना ने तस्वीरें जारी कर कहा कि हमास सड़क पर यातायात को दक्षिण की ओर जाने से रोक रहा है।  

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि उत्तरी इलाकों के अस्पतालों में नवजात शिशु और आईसीयू में इलाजरत लोगों समेत 2,000 से अधिक मरीजों के लिए निकासी ‘‘मौत की सजा के समान हो सकती है।” संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी की प्रवक्ता जूलियट टौमा ने कहा कि गाजा की लगभग एक चौथाई आबादी यानी करीब 5,00,000 लोग पूरे क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र के स्कूलों और अन्य केंद्रों में शरण ले रहे हैं, जहां पानी की आपूर्ति लगातार घटती जा रही।



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