Hamas accused of killing and burning children | गाजा में 10 लाख बेघर, क्या इजराइल-हमास कर रहे वॉर क्राइम ?

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5 मिनट पहले

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इजराइल-हमास जंग में सैकड़ों बच्चों और महिलाओं की मौत हुई है।

सबसे पहले हमास और इजराइल के ये 2 बयान पढ़िए…

हम जंग में अंतरराष्ट्रीय और नैतिक कानूनों का पालन कर रहे हैं। लड़ाकों ने सिर्फ मिलिट्री पोस्ट को निशाना बनाया।

-हमास के नेता मौसा अबू मरजौक

हम अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक सैन्य कार्रवाई कर रहे हैं। सिर्फ हमास के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की हैं।

इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग

जंग में अब तक 3500 से ज्यादा आम नागरिकों की जान जा चुकी है। हमास पर बच्चों, औरतों और बेगुनाहों की हत्या के आरोप लगे हैं। वहीं, इजराइल पर रिहायशी इलाकों में जानलेवा फासफोरस बम गिराने के आरोप हैं। इसके बावजूद हमास और इजराइल दोनों ने ही इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने कोई युद्ध अपराध किया।

ऐसे में जानते हैं कि युद्ध के दौरान अपराध का क्या मतलब है, इसके आरोपियों पर क्या और कैसे कार्रवाई होती है…

सबसे पहले जंग में अब तक क्या हुआ है, इसे ग्राफिक में देखिए…

युद्ध के लिए भी कुछ नियम होते हैं, इन नियमों को जिनेवा कन्वेंशन, हेग कन्वेंशन और अन्य अंतरराष्ट्रीय कानूनों और समझौतों के तहत बनाया गया है। वॉर क्राइम युद्ध के नियमों का उल्लंघन है।

इसके तहत जानबूझकर नागरिकों या युद्ध बंदियों को मारना, यातना देना, बंधक बनाना, नागरिक संपत्ति को अनावश्यक रूप से नष्ट करना माना जाता है। इसके अलावा यौन हिंसा, लूटपाट, सेना में बच्चों की भर्ती, नरसंहार आदि जैसे भी वॉर क्राइम में शामिल हैं।

वहीं, अगर जंग के दौरान कोई देश बेहद घातक बमों का इस्तेमाल आम नागरिकों, रिहायशी इलाकों, स्कूलों या अस्पतालों को निशाना बनाने के लिए करता है, तो उसके खिलाफ हेग कन्वेंशन 1899 और 1907 के तहत वॉर क्राइम यानी युद्ध अपराध का मुकदमा चलाया जा सकता है।

इजराइल में क्या हुआ…
7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल में घुसपैठ की। सैनिकों के साथ लोगों को भी गोलियां मारीं। महिलाओं और बच्चों समेत कई इजराइलियों को बंधक बनाया। इन्हें गाजा ले गए। फिर बंधकों की हत्या कर दी।

चश्मदीदों के मुताबिक, हमास के लड़ाकों ने बच्चों के गले और हाथ काट दिए। इजराइल के प्रधानमंत्री ने दावा किया है कि इजराइली बच्चों को जलाया भी गया है।

इजराइली PM नेतन्याहू ने हमास के हमले में मारे गए इस नवजात के शव की तस्वीर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को दिखाई।

इजराइली PM नेतन्याहू ने हमास के हमले में मारे गए इस नवजात के शव की तस्वीर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को दिखाई।

25 साल की नोआ अर्गमानी को हमास के लड़ाकों ने ट्राइब ऑफ नोवा ट्रान्स फेस्टिवल पर हमला करने के बाद उसके दोस्त से अलग करके किडनैप कर लिया।

25 साल की नोआ अर्गमानी को हमास के लड़ाकों ने ट्राइब ऑफ नोवा ट्रान्स फेस्टिवल पर हमला करने के बाद उसके दोस्त से अलग करके किडनैप कर लिया।

गाजा में क्या हुआ…
हमास के हमले का जवाब देते हुए इजराइली सेना ने गाजा में एयरस्ट्राइक कर दी। रॉकेट, मिसाइलें शहरों को तबाह कर रही हैं। अलजजीरा के मुताबिक, इजराइली अटैक के बाद से गाजा की 22 हजार से ज्यादा इमारतें तबाह हुई हैं। 10 अस्पतालों, 48 स्कूलों को भी नुकसान पहुंचा है। UN के मुताबिक गाजा में 10 लाख से ज्यादा लोग घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं।

गाजा सिटी में इजराइल के हमलों के बाद जान बचाने के लिए भागते लोग।

गाजा सिटी में इजराइल के हमलों के बाद जान बचाने के लिए भागते लोग।

इसके इतर, इजराइल पर प्रतिबंधित फासफोरस बम दागने के भी आरोप लगे। फिलिस्तीन की न्यूज एजेंसी ‘वाफा’ के मुताबिक, इजराइली सेना ने गाजा से लगे हुए अल-करामा शहर पर फास्फोरस बम का इस्तेमाल किया।

अब जानिए कौन तय करता है कि वॉर क्राइम हुआ या नहीं…
UN के मुताबिक, सबसे पहले 20वीं सदी की शुरुआत में युद्ध के नियमों को बनाया गया था। इन नियमों को हेग कन्वेंशन और जिनेवा कन्वेंशन के तहत हुई चार संधियों से तय किया गया था।
हेग कन्वेंशन जहां युद्ध के समय कुछ घातक हथियारों जैसे एंटी पर्सनेल लैंडमाइंस और केमिकल या बॉयोलॉजिकल वेपंस आदि के इस्तेमाल पर रोक लगाता है, तो वहीं जिनेवा कन्वेंशन युद्ध के दौरान किए जाने वाले वॉर क्राइम के नियम तय करता है।

वॉर क्राइम में सजा कौन देता है…
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट यानी ICC दुनियाभर में होने वाले वॉर क्राइम, नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों की जांच करता है। 1 जुलाई 2002 में इसकी शुरूआत हुई थी। ये संस्था 1998 के रोम समझौते पर तैयार किए गए नियमों के आधार पर कार्रवाई करती है। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट का मुख्यालय द हेग में है। ब्रिटेन, कनाडा, जापान समेत 123 देश रोम समझौते के तहत इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के सदस्य हैं। 2015 में फिलिस्तीन भी ICC का सदस्य बना।

जंग पर नियमों पर क्या कहता है अंतरराष्ट्रीय कानून, इसे इन सवालों के जरिए आसान भाषा में समझें…

पहला सवाल: अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत क्या आम लोगों पर हमला किया जा सकता है?
जवाब: जिनेवा कन्वेंशन के मुताबिक, नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाना अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन है। लेकिन हमास ने 7 अक्टूबर के हमले में सिविलियन्स को टारगेट किया। अब हैरानी कि बात यहां ये है कि हमास वेस्ट बैंक और गाजा के पास स्थित इलाकों में रह रहे इजराइलियों को आम आदमी यानी सिविलियन नहीं मानता। इसलिए कहता है कि लड़ाकों ने कानून का पालन करते हुए नागरिकों पर हमले नहीं किए।

सवाल 2: मिलिट्री की मौजूदगी में क्या रिहायशी इलाकों पर हमले किए जा सकते हैं?
जवाब: इजराइल का कहना है कि वो हमास मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्टर और वेपन डिपो पर हमला कर रहा है। लेकिन रिहायशी इलाकों में भी सेना के हमले हुए हैं। इस पर इजराइली सेना का कहना है कि हमास के कुछ ठिकाने रिहायशी इलाकों में हैं। अंतर्राष्ट्रीय कानून नागरिक क्षेत्रों में सैन्य कार्रवाइयों के दायरे और तीव्रता को सीमित करने का प्रयास करता है।

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इजराइल की डिफेंस फोर्सेस ने 7 अक्टूबर को किए हमास के हमले का वीडियो शेयर किया है। इसमें हमास के लड़ाके इजराइली बच्चों को पालने से उठाकर ले जाते दिखाई दे रहे हैं। इजराइल ने दावा किया है कि हमास ने इन बच्चों के माता-पिता को मारा। पढ़ें पूरी खबर…

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