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ढाका4 घंटे पहले
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चिन्मय दास की गिरफ्तारी को 5 महीने से ज्यादा वक्त हो गया है।
बांग्लादेश में चटगांव कोर्ट ने हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का आदेश दिया है। यह आदेश चटगांव कोर्ट के वकील सैफुल इस्लाम अलिफ की हत्या के मामले में दिया गया।
पिछले साल 7 नवंबर को कोर्ट परिसर के बाहर वकील की कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी। इस मामले से जुड़े अन्य तीन आवेदनों पर मंगलवार को सुनवाई होगी।
चटगांव के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने गिरफ्तारी के लिए पुलिस की अर्जी मंजूर कर ली और वर्चुअल सुनवाई के दौरान आदेश पारित किया।

तस्वीर मृतक वकील सैफुल की है।
वकील की मौत मामले में 21 लोग अभी भी जेल में सैफुल इस्लाम ऊर्फ आलिफ चटगांव में एक असिस्टेंट पब्लिक प्रोसिक्यूटर था। कोर्ट परिसर के अंदर उसकी मौत के बाद चटगांव वकील एसोसिएशन के अध्यक्ष ने नाजिम उद्दीन चौधरी ने आरोप लगाया था कि प्रदर्शनकारी सैफुल को चैम्बर से पकड़ कर ले गए थे और उसकी हत्या कर दी।
पुलिस ने इस केस से जुड़े 6 मामलों में कुल 51 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें मुख्य आरोपी चंदन दास, रिपन दास, राजीव भट्टाचार्य और अन्य हैं। इस मामले में गिरफ्तार 21 लोग अभी भी जेल में हैं।
बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट ने भी चिन्मय दास की रिहाई पर रोक लगाई
इससे पहले 30 अप्रैल को बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय की अपीलीय डिवीजन ने राजद्रोह के एक मामले में चिन्मय दास को जमानत देने के हाई कोर्ट के आदेश पर कुछ घंटे बाद ही रोक लगा दी थी। यह आदेश राज्य सरकार के वकील की तरफ से दायर सुनवाई के बाद दिया गया था।
ढाका हाईकोर्ट ने जेल में बंद चिन्मय दास को राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के मामले में जमानत दी थी। चिन्मय दास पिछले 5 महीनों से देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद हैं। चिन्मय के वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने 23 अप्रैल को हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी।
पुलिस ने चटगांव जाते वक्त एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था
बांग्लादेश पुलिस ने पिछले साल 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को गिरफ्तार किया था। तब वे चटगांव जा रहे थे।
मौके पर मौजूद इस्कॉन के सदस्यों ने कहा कि डीबी पुलिस ने कोई गिरफ्तारी वारंट नहीं दिखाया। उन्होंने बस इतना कहा कि वे बात करना चाहते हैं। इसके बाद वो उन्हें माइक्रोबस में बैठाकर ले गए।
ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की जासूसी शाखा (डीबी) के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त रेजाउल करीम मल्लिक ने बताया था कि पुलिस के अनुरोध के बाद चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किया गया।
इसके बाद चिन्मय दास को कानूनी प्रक्रिया के लिए संबंधित पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया था।

कौन हैं संत चिन्मय प्रभु ?
चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी का असली नाम चंदन कुमार धर है। वे चटगांव इस्कॉन के प्रमुख हैं। बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच 5 अगस्त 2024 को PM शेख हसीना ने देश छोड़ दिया था। इसके बाद बड़े पैमाने पर हिंदुओं के साथ हिंसक घटनाएं हुईं।
इसके बाद बांग्लादेशी हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए सनातन जागरण मंच का गठन हुआ। चिन्मय प्रभु इसके प्रवक्ता बने। सनातन जागरण मंच के जरिए चिन्मय ने चटगांव और रंगपुर में कई रैलियों को संबोधित किया। इसमें हजारों लोग शामिल हुए।
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