[ad_1]
Last Updated:
रंजीत ने राज कपूर और उनकी फिल्म मेरा नाम जोकर के बारे में एक किस्सा याद किया, जिसमें सिमी गरेवाल, ऋषि कपूर, केन्सिया रयाबिंकिना, पद्मिनी, मनोज कुमार और धर्मेंद्र ने अभिनय किया था.
हाइलाइट्स
- रंजीत ने एक बार शेयर किया मेरा नाम जोकर का किस्सा
- अभिनेता ने बताया, राज ने उसकी हीरोइन को गोद में बिठाकर सीन समझाया
- मल्टीस्टारर फिल्म थी मेरा नाम जोकर
नई दिल्लीः दिग्गज अभिनेता-निर्देशक-निर्माता राज कपूर भारतीय सिनेमा में अपने शानदार योगदान के लिए जाने जाते हैं. हालांकि, उनके निजी जीवन के कुछ पहलू अक्सर लोगों को बदनाम करते हैं. क्या आप जानते हैं कि हिंदी फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाने वाले अभिनेता रंजीत ने एक बार 1970 की फिल्म मेरा नाम जोकर की स्क्रिप्ट रीडिंग सेशन के बारे में एक अजीबोगरीब घटना को याद किया था?
हीरोइनों को गोद में बिठाकर कहानी सुनाते थे राज कपूर
जानकारी के लिए आपको बता दें, मेरा नाम जोकर में राज कपूर मुख्य भूमिका में थे और इसका निर्देशन भी उन्होंने ही किया था. बॉलीवुड शादी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ANI को दिए एक इंटरव्यू में रंजीत ने याद किया कि कैसे कपूर फिल्म की हीरोइनों को अपनी गोद में बैठाकर मेरा नाम जोकर की कहानी सुनाते थे. अभिनेता ने कहा, ‘मेरा नाम जोकर पिक्चर थी ना… उसकी हीरोइन को गोद में बिठाकर सीन समझाया है.’
जब रंजीत ने याद की राज कपूर की पहली मुलाकात
हालांकि, रंजीत ने इस दौरान श्री 420 अभिनेता के इरादे को स्पष्ट करने में देर नहीं लगाई. तकदीर अभिनेता ने बताया कि राज कपूर कभी भी अभिनेत्रियों के साथ छेड़खानी नहीं करते थे और उन्हें अपनी बेटी कहते थे. उन्होंने कहा, ‘ऐसा करते समय वो छेड़खानी नहीं करते थे. जब वो अभिनेत्री को अपनी गोद में बैठने के लिए कहते थे तो वो उसे ‘पुतर’ (बेटी) कहते थे.’ उसी बातचीत में, रंजीत ने आरके स्टूडियो के अंदर राज कपूर के साथ अपनी पहली मुलाकात को याद किया. उन्हें याद आया कि उन्होंने अभिनेता-निर्माता की फिल्मों में प्रमुख भूमिकाएं निभाने वाली अभिनेत्रियों के बड़े-बड़े कट-आउट देखे थे. उन्होंने यह भी बताया कि बूट पॉलिश अभिनेता बेहद अच्छे दिखने वाले व्यक्ति थे.
सबसे लंबी फिल्म थी मोरा नाम जोकर
रंजीत ने आगे कहा, ‘जब मैं स्टूडियो (आरके स्टूडियो) में दाखिल हुआ, तो मैंने उनकी (राज कपूर की) फिल्मों में अभिनय करने वाली सभी अभिनेत्रियों के लाइफ-साइज कट-आउट देखे. जिस क्षण वो (राज कपूर) अंदर दाखिल हुए, उन्होंने कहा, ‘सॉरी रॉनी जी!’ वो बेहद अच्छे दिखने वाले व्यक्ति थे. उनका रंग गोरा था और उनके गाल लाल थे. उनकी आंखें हल्की थीं.’ मेरा नाम जोकर की बात करें तो यह फिल्म भारतीय सिनेमा की सबसे लंबी फिल्म है और ये बुरी तरह से फ्लॉप गई थी. इससे पहले 1964 में आई फिल्म संगम थी.
[ad_2]
Source link