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ढाका9 मिनट पहले
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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा, ‘अल्लाह ने मुझे किसी मकसद से जिंदा रखा है। वो दिन जरूर आएगा जब अवामी लीग के नेताओं को निशाना बनाने वालों को इंसाफ के कटघरे में लाया जाएगा।’
अवामी लीग की अध्यक्ष हसीना ने यह बात उस वक्त कही जब वो सोशल मीडिया पर अपने पार्टी नेताओं के परिवार वालों से बात कर रही थीं। पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश छोड़ने के बाद से वे भारत में शरण लेकर रह रही हैं।
हसीना ने बांग्लादेश सरकार के अंतरिम सलाहकार मोहम्मद यूनुस को लेकर कहा कि वो ऐसा शख्स है जिसे लोगों से कभी मोहब्बत नहीं थी। यूनुस ने गरीबों को छोटे-छोटे कर्ज ऊंची ब्याज दरों पर दिए और इस पैसे से कई देशों में ऐशोआराम की जिंदगी जी।
हसीना ने कहा कि उस वक्त हम यूनुस की चालाकी नहीं समझ पाए, इसलिए उसकी मदद करते रहे। लेकिन इससे लोगों को कोई फायदा नहीं हुआ, सिर्फ वह अमीर होता गया। बाद में उसमें सत्ता की भूख पैदा हो गई, जो आज बांग्लादेश को जला रही है।

आरक्षण के खिलाफ आंदोलन ने किया था तख्तापलट
शेख हसीना पिछले साल 5 अगस्त को देश छोड़कर भारत आ गई थीं। दरअसल, उनके खिलाफ देशभर में छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। बांग्लादेश में 5 जून को हाईकोर्ट ने जॉब में 30% कोटा सिस्टम लागू किया था, इस आरक्षण के खिलाफ ढाका में यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे थे। यह आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को दिया जा रहा था।
हालांकि हसीना सरकार ने यह आरक्षण बाद में खत्म कर दिया था। लेकिन इसके बाद छात्र उनके इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। बड़ी संख्या में छात्र और आम लोग हसीना और उनकी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए। इस प्रोटेस्ट के दो महीने बाद 5 अगस्त को उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अंतरिम सरकार की स्थापना की गई।
हसीना का पासपोर्ट रद्द, गिरफ्तारी वारंट जारी
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद बनी यूनुस सरकार ने हसीना पर हत्या, अपहरण से लेकर देशद्रोह के 225 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं। वहीं, बांग्लादेशी सरकार ने चेतावनी दी है कि भारत में रहते हुए हसीना की तरफ से दिए जा रहे बयान दोनों देशों के संबंध बिगाड़ रहे हैं।
बांग्लादेश सरकार ने जुलाई में हुई हत्याओं की वजह से शेख हसीना का पासपोर्ट भी रद्द कर दिया है। वहीं बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। ट्रिब्यूनल ने हसीना को 12 फरवरी तक पेश होने का निर्देश दिया है।
बांग्लादेश भारत से हसीना को डिपोर्ट करने की अपील भी कर चुका है। हालांकि, भारत सरकार उनका वीजा बढ़ा चुकी है, जिससे यह साफ हो गया कि उन्हें बांग्लादेश डिपोर्ट नहीं किया जाएगा।
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