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Donald Trump Jeo Biden Lok Sabha election USAID interference in Lok Sabha elections | ट्रम्प का बाइडेन पर लोकसभा चुनाव में दखल का आरोप: बोले- पूर्व राष्ट्रपति किसी और को जिताना चाहते थे, इसके लिए ₹182 करोड़ का फंड दिया


न्यूयॉर्क3 घंटे पहले

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ट्रम्प ने कहा कि मेरे राष्ट्रपति बनने से पहले सरकारी खजाने का मनमाने तरीके से इस्तेमाल हो रहा था।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक और बड़ा सियासी बम फोड़ा है। ट्रम्प ने कहा, पूर्व राष्ट्रपति बाइडेन का प्लान भारत में किसी अन्य नेता (नरेंद्र मोदी के अलावा) को चुनाव जिताने का था।

ये बड़ा खुलासा है, हम इस बारे में भारत सरकार को बताएंगे। ट्रम्प गुरुवार को अमेरिकी शहर मियामी में सऊदी सरकार की फ्यूचर इंवेस्टमेंट इनिशिएटिव (FII) समिट में बोल रहे थे।

इस दौरान उन्होंने कहा, यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) ने वोटर टर्नआउट बढ़ाने के नाम पर भारत को 182 करोड़ रुपए का फंड दिया। अमेरिकी चुनाव में रूस ने सिर्फ 2 हजार डॉलर (1.73 लाख रुपए) का इंटरनेट विज्ञापन दिया तो मुद्दा बना था, जबकि अमेरिका भारत को बड़ी रकम दे रहा था।

ट्रम्प गुरुवार को अमेरिकी शहर मियामी में सऊदी सरकार की फ्यूचर इंवेस्टमेंट इनिशिएटिव (FII) समिट में बोल रहे थे।

ट्रम्प गुरुवार को अमेरिकी शहर मियामी में सऊदी सरकार की फ्यूचर इंवेस्टमेंट इनिशिएटिव (FII) समिट में बोल रहे थे।

अमेरिका से पैसा भारत आने के 4 स्टेप…

1. पैसा कहां से आया अमेरिकी एजेंसी USAID की तरफ से भारत को दिया गया फंड 4000 करोड़ रुपए के अंतरराष्ट्रीय फंड का हिस्सा था।

2. पैसा भारत तक कैसे पहुंचा यह पैसा कंसोर्टियम फॉर इलेक्शंस एंड पॉलिटिकल प्रोसेस स्ट्रेंथनिंग (CEPPS) नाम की संस्था को दिया गया था। इस संस्था के तीन NGO, IFES (चुनाव जागरुकता के लिए), NDI (लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए) व IRI (नागरिक भागीदारी बढ़ाने के लिए) हैं। CEPPS ने यह पैसा एशिया में काम करने वाले एशियन नेटवर्क फॉर फ्री इलेक्शन (ANFREL) नाम के NGO को दिया। वहां से भारत में IFES को मिला।

3. भारत में पैसा किसे मिला इसके बाद यह पैसा मतदाता जागरूकता से जुड़े NGO, सिविल सोसाइटी समूह, राजनीतिक पार्टियों को दिया गया। इनके नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।

4. पैसा कैसे खर्च हुआ इन पैसों से इस्तेमाल रैलियां, डोर-टू-डोर कैंपेन और वर्कशॉप चलाए गए। कुछ खास इलाकों में मतदान को बढ़ाने के लिए भी खर्च किया गया। मीडिया प्रचार और केंद्र सरकार के खिलाफ नरेटिव बढ़ाने के लिए प्रचार किया गया। वॉलंटियर्स ट्रेनिंग, रहने-खाने के साथ ट्रैवलिंग खर्च ​भी दिया गया।

कांग्रेस बोली- सरकार USAID पर श्वेत-पत्र लाए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के दावों को बेतुका बताया है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार पिछले 10 साल के दौरान USAID से भारत के सभी सरकारी और गैर सरकारी संगठनों को मिली सहायता पर श्वेत-पत्र लेकर आए।

वहीं, भाजपा IT सेल के मुखिया अमित मालवीय ने कहा, पीएम मोदी अपनी चुनावी सभाओं में विदेशी दखल के बारे में चेता चुके हैं। मालवीय ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन ताकतों के मोहरा हैं। वे अमेरिका-ब्रिटेन में भारत विरोधी दुष्प्रचार में शामिल रहे।

ट्रम्प ने पलटी मारी, बोले- चीन से नई ट्रेड डील संभव, टैरिफ 20% से 10% किया अमेरिकी चुनाव में चीन पर हमलावर रहे ट्रम्प ने फिर पलटी मारी है। ट्रम्प बोले- चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग से मेरे अच्छे संबंध हैं। अमेरिका-चीन में जल्द नई ट्रेड डील के आसार हैं।

उन्होंने कहा, जैसे मुझे अमेरिकी हितों से प्यार है वैसे ही जिनपिंग भी चीन के हितों से प्यार करते हैं। इससे दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा होती है। दोनों देशों में ट्रेड डील से कोई रास्ता निकल जाएगा।

वहीं, चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि टैरिफ वॉर में कोई विजेता नहीं होता है। ट्रम्प ने पहले चीन पर 20% टैरिफ लगाने का ऐलान किया था जिसे बाद में घटाकर 10% कर दिया था।

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