विरोधी पार्टी का MP उठा और ‘सेंगोल’ को संसद के बाहर फेंक दिया, मच गया भारी हंगामा

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शासन प्रशासन में ‘सेंगोल’ का अपना खास महत्व है. देश में बनी नई संसद में भी इस सेंगोल को स्थापित किया गया है. दुनिया की तमाम सभ्यताओं और शासन में सेंगोल का खास महत्व रहा है. यह शासन का इकबाल स्थापित करने का एक प्रतीक है. वैसे आधुनिक लोकतंत्र में इसके महत्व और इसकी जरूरत पर नहीं बहस छिड़ी हुई है. खैर, हम इस बहस में नहीं पड़ रहे हैं. बल्कि आज एक घटना का जिक्र कर रहे हैं.

यह घटना है सात समंदर पार अफ्रीकी देश बहामास की. गुरुवार को यहां की संसद की कार्यवाही चल रही है. यह एक लोकतांत्रित देश है. लोकतंत्र में विरोधी सांसदों और नेताओं को सरकार के फैसलों का विरोध करने का अधिकार प्राप्त है. लेकिन, विरोधी की सीमा कितनी होनी चाहिए, इसको लेकर हमेशा से विवाद रहा है.

बहामास की संसद में गुरुवार को भी सरकार के एक फैसले का विरोधी सांसद विरोध कर रहे थे. इसी दौरान एक सांसद ने सदन के भीतर प्रतीकात्मक तौर पर रखे गए संगोल को उठाकर खिड़की से बाहर फेंक दिया. इस घटना के बाद सदन में विपक्ष के डिप्टी लीडर शानेनडोन कार्टराइट को पुलिस और अधिकारियों ने पकड़ने की कोशिश की. इस धड़-पकड़ के बीच सदन के डिप्टी स्पीकर फंस गए और वे चोटिल हो गए. उन्हें हॉस्पिटल लेकर जाया गया. इस दौरान एक पुलिस अधिकारी को उसके पैर में चोट लगी.

बीबीसी ने इस घटना का वीडियो जारी किया है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय मीडिया ने कहा है कि एक अमेरिकी मसले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तकरार हुई और फिर बात काफी आगे तक बढ़ गई. रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में आरोप लगाया गया है कि बहामास की पुलिस अवैध ड्रग तस्करी में लिप्त है. इसी मसले पर विपक्षी सदस्य बहस की मांग कर रहे थे. लेकिन, स्पीकर ने विपक्षी सदस्यों को बोलने की अनुमति नहीं दी. सेंगोल यानी राजदंड को खिड़की से बाहर फेंकने की घटना बहुत बड़ी है. इससे पहले 1965 में सदन में विपक्ष के नेता ने भी सेंगोल को सदन से बाहर फेंक दिया था. बहामास के इतिहास में उस घटना को ब्लैक ट्यूजडे करार दिया गया था.

FIRST PUBLISHED : December 6, 2024, 10:20 IST

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