Women Reservation Bill Debate LIVE Update: संसद के विशेष सत्र का आज तीसरा दिन है। महिला आरक्षण विधेयक पर आज लोकसभा में चर्चा होनी है। कांग्रेस की तरफ से पार्टी संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी बिल पर मुख्य वक्ता होंगी। वह अपने संबोधन में अपने सहयोगी दलों राजद-जेडीयू और सपा की कोटा में कोटा की मांग का समर्थन करती हैं या चुप्पी साधती हैं। इस पर सबकी नजरें टिकी होंगी। संसद के चल रहे विशेष सत्र में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कल इसे सदन में पेश किया था। विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है। केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार को महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दी थी। आज जब सदन की कार्यवाही 11 बजे शुरू होगी, तब इस पर चर्चा की जाएगी। महिला आरक्षण बिल पर सभी अपडेट्स के लिए जुड़े रहें…
Women Reservation Bill Debate LIVE Update:आसान नहीं है महिला आरक्षण की राह, पहले करने होंगे दो बड़े काम
महिला आरक्षण पर ऐतिहासिक विधेयक लोकसभा में पेश होने के बाद लोगों के जेहन में यह सवाल उठने लगा है कि यह कब और कैसे लागू होगा। यदि संसद के दोनों से सदनों से यह कानून पारित हो जाता है तो क्या यह 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में लागू होगा। कानून के जानकार बता रहे हैं कि कानून बन जाने के बाद भी आगामी चुनावों में महिला आरक्षण को लागू करने के लिए परिसीमन और जनगणना की जरूरत है। इससे पहले इसे लागू नहीं किया जा सकता है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
Women Reservation Bill Debate LIVE: RJD-JDU-SP के समर्थन में उमा भारती, मांगा SC-ST-OBC के लिए कोटा
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की नेता उमा भारती ने महिला आरक्षण के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संबंधित विधेयक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की महिलाओं के लिए भी आरक्षण का प्रावधान करने की मांग की है।
भारती ने इस संबंध में सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया और कहा कि महिला आरक्षण विधेयक में एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण का प्रावधान किया जाना चाहिए।
Women Reservation Bill Debate LIVE: बिल पारित होने के बाद लोकसभा में होंगी 181 महिला MP
महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने के बाद लोकसभा में कुल 181 महिला सांसद हो जाएंगी। बिल का उद्देश्य राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर नीति-निर्माण में महिलाओं की अधिक भागीदारी को सक्षम बनाना है। इसमें कहा गया है कि परिसीमन प्रक्रिया शुरू होने के बाद आरक्षण लागू होगा और 15 वर्षों तक जारी रहेगा।