जब अमिताभ बच्चन गुस्से में खो बैठे आपा, शूटिंग के बीच 78 साल के इस हीरो की जमकर की कुटाई, उठाया फावड़ा, बन गए दुश्मन

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बॉलीवुड स्टार्स के बीच दोस्ती और दुश्मनी के किस्से बेहद आम हैं. अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा ने कई हिट फिल्मों में साथ काम किया, लेकिन ‘काला पत्थर’ की शूटिंग के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि इनकी दोस्ती में गहरी दरा…और पढ़ें

जब शूटिंग के दौरान आपा खो बैठे अमिताभ बच्चन, इस हीरो की जमकर की कुटाई

हाइलाइट्स

  • गुजरे जमाने में एक- दूसरे को दुश्मन समझते थे अमिताभ और शत्रुघ्न
  • शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी बायोग्राफी में किया अमिताभ संग दुश्मनी का खुलासा
  • लेकिन सालों तक बात नहीं करने के बाद अब वे अच्छे दोस्त हैं

2नई दिल्लीः बॉलीवुड में प्रतिद्वंद्विता, प्रतिस्पर्धा और झगड़े कोई नई बात नहीं है. हमने कई बार अभिनेताओं के किसी सीन में बह जाने और शूटिंग के दौरान हद से ज्यादा आगे निकल जाने के बारे में भी सुना है. वहीं कब दो दोस्त आपस में दुश्मन बन जाएं, कोई कुछ नहीं कह सकता. ऐसा ही हुआ 70 के दशक के दो सुपरस्टार्स के बीच. हालांकि, आज हम एक ऐसी घटना के बारे में बात करेंगे जिसने दो सुपरस्टार्स के बीच लड़ाई झगड़े को जन्म दिया. और इस घटना का जिक्र शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी बायोग्राफी में भी किया है.

अमिताभ को दुश्मन मानते थे शत्रुघ्न
अमिताभ बच्चन कई ऐसी फिल्मों का हिस्सा रहे हैं, जहां उन्होंने लाइमलाइट चुरा ली. यश चोपड़ा की काला पत्थर की शूटिंग के दौरान अमिताभ ने कुछ ऐसा किया जो प्रतिद्वंद्विता और एक अच्छी साझेदारी के अंत का संकेत था. उस दौरान शत्रुघ्न सिन्हा अमिताभ को अपना दुश्मन मानते थे और फिर भी उन्होंने 6 फिल्मों में काम किया. काला पत्थर दोनों की 6वीं फिल्म थी जिसमें एक फाइट सीक्वेंस की शूटिंग के दौरान अमिताभ ने सिन्हा पर अपना आपा खो दिया और यश के ‘कट’ कहने के बाद भी उन्होंने सिन्हा को पीटना जारी रखा था.

शूटिंग के दौरान भयंकर हुई शत्रुघ्न सिन्हा और अमिताभ की लड़ाई
शूटिंग के दौरान लड़ाई और बढ़ गई और बच्चन ने सिन्हा पर फावड़ा उठा लिया था. यश के कई प्रयासों के बावजूद, वे दोनों तब तक नहीं रुके जब तक कि शशि कपूर ने बीच में आकर उन्हें अलग नहीं कर दिया. कपूर के उन्हें रोकने के बाद, बच्चन को होश आया और उन्हें एहसास हुआ कि वे गुस्से की भावना में बह गए थे. यह बात सभी जानते हैं कि सिन्हा हमेशा देर से आते थे, जबकि बच्चन हमेशा समय के पाबंद रहते थे. बच्चन की बढ़ती लोकप्रियता ने सिन्हा के भीतर पेशेवर ईर्ष्या पैदा कर दी और यही कारण है कि इस सीक्वेंस के दौरान उन्होंने खुद पर नियंत्रण खो दिया. काला पत्थर के बाद, अमिताभ और शत्रुघ्न शान (1980) और मनमोहन देसाई की नसीब (1981) में साथ नजर आए. यह ब्लॉकबस्टर बड़े पर्दे पर उनका आखिरी सहयोग था और इसके बाद उन्होंने कभी साथ काम नहीं किया.

 जब शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया, अमिताभ को होती थी उनकी तारीफों से जलन
अपनी बायोग्राफी, नथिंग बट खामोश में, सिन्हा ने बच्चन के साथ अपनी पेशेवर दुश्मन के बारे में बताया और कहा कि अमिताभ को उनके प्रदर्शन के लिए प्रशंसा मिलने से परेशानी थी. विश्वनाथ अभिनेता ने कहा, ‘समस्या यह थी कि मुझे अपने प्रदर्शन के लिए प्रशंसा मिल रही थी.’ एक अन्य इंटरव्यू में, सिन्हा ने कहा, ‘गलतफहमियां होती हैं और कभी-कभी वे बढ़ती जाती हैं. फिर मैच्योरिटी आती है और आपको एहसास होता है कि ऐसा नहीं होना चाहिए था. जब बात अमिताभ की आती है, तो मुझे दुख होता है और मुझे यकीन है कि उन्हें भी इसका एहसास हुआ होगा.’ वर्तमान में बच्चन और सिन्हा अच्छे दोस्त हैं और वे टीवी शो यारों की बारात में भी नजर आ चुके हैं.

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